उपभोक्ता उत्पाद बनानेवाली किसी भी जानी-मानी कंपनी का नाम ले लीजिए। वो लिस्टेड है तो उसके शेयर का हाल बीएसई में देख लीजिए। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़, हिंदुस्तान यूनिलीवर, वोल्टाज़, एशियन पेंट्स, नेस्ले इंडिया, गोदरेज़ कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, मैरिको व पारले इंडस्ट्रीज़। इस लिस्ट में आप दूसरी भी तमाम जानीमानी उपभोक्ता कंपनियों को शामिल कर सकते हैं। ऊपर ही साफ-साफ दिख जाएगा कि इनके शेयर इस समय पिछली चार तिमाहियों में 50 से ज्यादा पी/ई पर ट्रेड हो रहे हैं। ऐसा तब, जब देश की श्रेष्ठतम 30 कंपनियों से मिलाकर बना बीएसई सेंसेक्स 23.89 पी/ई पर ट्रेड हो रहा है। यानी, साबुन, तेल व चॉकलेट जैसे तमाम लोकप्रिय उपभोक्ता उत्पाद बना रही कंपनियों के शेयर सेंसेक्स से दोगुने से ज्यादा महंगे चल रहे हैं। कैसी त्रासदी है कि ऐसी दक्ष कंपनियों का धंधा बराबर मंदा चल रहा है। फिर भी शेयर बाज़ार के निवेशकों को उम्मीद है कि कभी तो देश की अर्थव्यवस्था ज़मीनी स्तर पर मजबूत होगी, आम लोगों की आय बढ़ेगी, उपभोक्ताओं की मांग लौटेगी, इन कंपनियों का धंधा चमकेगा और उनके शेयर उम्मीद में नहीं, बल्कि वास्तविक धरातल से उठकर अच्छे भाव हासिल करेंगे। लेकिन ऐसा कब होगा? अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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