फिर लालकिले की प्राचीर से साफा पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण, लगातार 11वीं बार। ऐसे में 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व बेला पर हिसाब लगाना ज़रूरी है कि मोदी सरकार के अब तक के दस साल में देश को क्या मिला? क्या उन्होंने देश को अब तक केवल टोपी पहनाने का ही काम किया है? विकसित भारत के सपने देखना हर देशवासी का जन्मसिद्ध अधिकार है। लेकिन ऐसे ही सपने दिखाकर दस साल से बराबर छले जाना हर देशवासी पर किया गया मर्मांतक प्रहार है। देश में अरबपति बढ़ते जाएं, इस पर किसी को एतराज़ नहीं हो सकता। लेकिन 1% अमीरों के हाथों में देश की 40% संपत्ति का सिमट जाना अच्छी बात नहीं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। तीन-चार साल में तीसरे नंबर पर आ जाएगा। बहुत अच्छी बात है। लेकिन 2731 डॉलर के साथ प्रति व्यक्ति आय में दुनिया में 136वें नंबर पर रहना कतई अच्छी बात नहीं। यह हमारी सरकार के लिए शर्मनाक है कि 144 करोड़ आबादी वाला देश, जहां 65% लोग युवा है, पेरिस ओलम्पिक में केवल छह पदक जीत पाया और 84 देशों में 71वें स्थान पर रहा। करोड़ों बेरोजगार और किसान आज खुद को अनाथ महसूस करते हैं। हमारे शेयर बाज़ार में निवेशकों की संख्या 18.58 करोड़ हो चुकी है। लेकिन सरकार उनकी परवाह करने के बजाय राष्ट्रीय हितों के खिलाफ जाकर अडाणी समूह को बचाने में लगी है। अब बुधवार की बुद्धि…
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