धन्य है हमारी केंद्र सरकार जिसने इतिहास में एमए करनेवाले शक्तिकांत दास को भारत जैसे विशाल देश के केंद्रीय बैंक का सर्वेसर्वा बनाया और बलिहारी हो भारतीय रिजर्व बैंक के इस गवर्नर की जो कहते हैं कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल रुपए को डॉलर के मुकाबले गिरने जाने से बचाने में ही किया जाएगा। उनका तर्क है कि आप छाता बारिश में इस्तेमाल करने के लिए ही तो खरीदते हो। दास रुपए को बचाने के लिए बाज़ार में डॉलर झोंकते जाने के पक्ष में हैं। वहीं, अपनी प्रोफेशनल दक्षता के बल पर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन बने दिनेश खारा ने फौरन खरी बात की कि बाज़ार में डॉलर झोंकने का केवल तात्कालिक असर होगा, लम्बा नहीं। हम देश के व्यापार संतुलन को ठीक करके ही रुपए को बचा सकते हैं। अब सोमवार का व्योम…
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