कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की चिंता, उससे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़नेवाले असर का आकलन आर्थिक समीक्षा में किया गया है। उसमें औद्योगिक से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग व कृषि क्षेत्र तक की स्थिति और चुनौतियों पर नज़र डाली गई है। लेकिन असली मसला है कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने चौथे बजट में अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को किस हद तक स्वीकार करती हैं और उसे बेहतर बनाने के लिए क्या राह निकालती हैं। कई सवाल हैं कि क्या वे हमारी आर्थिक तंत्र को अवाम की देखभाल करनेवाला स्वरूप दे सकती हैं? क्या मंहगाई व बेरोजगारी से घिरे मध्य-वर्ग को टैक्स के बोझ से कुछ राहत मिलेगी? शेयर बाजार तो यही चाहता है कि अब सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को खत्म कर दिया जाना चाहिए। अब मंगलवार की दृष्टि…
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