मुझे अपने स्तर पर पता है कि बाजार के एक स्मार्ट ऑपरेटर ने निफ्टी में 5300 के स्तर पर कुछ शॉर्ट सौदे किए हैं। हालांकि वह तमाम शेयरों के साथ ही बाजार में तेजी आने की धारणा रखता है। असल में उसने शॉर्ट कॉल महज इसलिए दी है क्योंकि वह जांचना चाहता है कि निफ्टी में 5350 पर कोई रुकावट बन रही है या नहीं। उसे खुद लगता है कि अगले 12 महीनों में निफ्टी 7000 तक चला जाएगा।
बाजार में ओल्ड फॉक्स के नाम से मशहूर खिलाड़ी इस समय रीयल्टी शेयरों में भारी खरीद कर रहा है क्योंकि शायद उसे भी मेरी तरह इस सेक्टर में काफी संभावना लगती है। मैं उसकी खरीद की स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी देता रहा हूं और इस सूची में शामिल ग्रेट ईस्टर्न व कैस्ट्रॉल समेत अधिकांश स्टॉक ऊपर ही बढ़े हैं। अब इस ओल्ड फॉक्स के नए दांव हैं – सेंचुरी, बॉम्बे डाईंग, एचडीआईएल और डीएलएफ। वह आईएमएफए और सैंडुर में अच्छी-खासी खरीद के बाद अब जेट एयरवेज में बड़े पैमाने पर पंजा मार रहा है। आईएमएफए देश में फेरो एलॉय की सबसे बड़ी कंपनी है और इसका संयंत्र उड़ीसा के रायगढ़ा जिले में है।
फिडेलिटी फंड ने भी डीएलएफ पर आंखें गढ़ा रखी है, जबकि नोमुरा आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग टीम की मालिक इंडिया सीमेंट में खरीद कर रही है। मुझे लगता है कि वह भी इंडिया सीमेंट पर सीएनआई के आकलन से सहमत है और 160-170 रुपए पहुंचने तक इस स्टॉक को खरीदती रह सकती है। सीएलएसए मेटल सेक्टर के बारे में जबरदस्त तेजी की धारणा रखती है और मेरे पसंदीदा शेयर टाटा स्टील में खरीद की सलाह दे रही है। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक स्टरलाइट और हिंडाल्को के खेल से जुड़ा देश का एक बड़ा ब्रोकरेज समूह अब भी इन दो शेयरों को बटोरने में लगा है और अगले 12 महीनों में ये दोनों ही शेयर अभी के दोगुने भाव पर जा सकते हैं।
मीडिया में बाजार के महंगा होने के बारे में भले ही कुछ भी कहा जाए, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं और मानता हूं कि बाजार को नए सिरे से आंकना चाहिए क्योंकि निफ्टी नए शिखर की तरफ बढ़ने की तैयारी में है।
बी ग्रुप के शेयरो में वोल्यूम बढ़ने की शुरुआत बुधवार से ही हो चुकी है। मेरी राय में तेजी का कोई भी दौर बी ग्रुप के शेयरों में तेजी के बगैर पूरा नहीं हो सकता और बी ग्रुप के साथ अभी ऐसा होना बाकी है। इसलिए करेक्शन या गिरावट का डर इस समय बेमानी व निराधार है। जो लोग ऐसा डर फैला रहे हैं, वे दरअसल नहीं चाहते कि मौजूदा भावों पर आम निवेशक बाजार में आएं। खुद ही देखें कि शिवालिक बाईमेटल पिछले हफ्ते 18 रुपए पर था। 50 फीसदी की शानदार बढ़त के साथ कल यह 27 रुपए पर पहुंचा और बंद हुआ 31.05 रुपए पर। विंडसर पहले 34 पर था, अब 35 फीसदी बढ़कर 44 पर है, जबकि एसएनल 32 से 30 फीसदी बढ़कर 41 पर आ गया। इससे ज्यादा आपको और क्या चाहिए।
असल में समस्या बाजार के साथ नहीं, बल्कि निवेशकों की मानसिकता के साथ है। बुधवार को एक मार्केट मेकर के नजदीकी शख्स ने पुष्ट किया कि हिंदुस्तान ऑयल में ज्यादा ही खरीद हो चुकी है और अब इसमें बढ़त नहीं होनेवाली। ध्यान दें, जब यह स्टॉक 430 पर था तो बाजार में इसकी खरीद की जोरदार सिफारिशें हो रही थीं। लेकिन उसी वक्त मैने आपको इसे बेचने की सलाह दी थी और अब यह घटकर आधे पर आ चुका है। यही हाल आईसीएसए का होनेवाला है।
बाजार यहां से निश्चित रूप से उठने की दिशा में जा रहा है क्योंकि उसे गिराने के लिए कोई भी नकारात्मक कारक नहीं है। न ही ऐसा कुछ है जिससे लगे कि बाजार ओवरबॉट स्थिति में है यानी इतनी ज्यादा खरीद हो चुकी है कि अब लोगों को बेचना ही बेचना है। दरअसल, एफ एंड ओ (डेरिवेटिंव सौदों) का आंकड़ा तो यही दिखाता है कि लांग सौदों से कहीं ज्यादा शॉर्ट सौदे हो रखे हैं। मतलब, बहुत सारी खरीद अभी बाकी है मेरे दोस्त।
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अच्छा कुछ करें तो आपको उन पर उपहार और पैसो की बौछार बंद कर देनी चाहिए।