शेयर बाज़ार की वोलैटिलिटी/चंचलता नापने के लिए आमतौर पर इंडिया वीआईएक्स सूचकांक का इस्तेमाल किया जाता है। वीआईएक्स की शुरुआत मूलतः शिकागो बोर्ड ऑफ एक्सचेंज (सीबीओई) ने बाज़ार में व्याप्त डर, घबराहट व अनिश्चितता को मापने के लिए 1993 में की थी। उसके बाद इसके फॉर्मूले को 2003 में अपडेट किया गया। भारत में एनएसई इसका इस्तेमाल सीबीओई के लाइसेंस के तहत करता है। इंडिया वीआईएक्स की गणना निफ्टी ऑप्शंस के वर्तमान और अगले महीने के भावों के आधार पर की जाती है। कम तो बाज़ार में उतार-चढ़ाव की आशंका कम और ज्यादा तो घबराहट अधिक। अब मंगलवार की दृष्टि..
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