हाउसिंग लोन घोटाले में सीबीआई ने 17 कंपनियों को नोटिस भेजा है। इनमें से पांच कंपनियों के बारे में सीबीआई का कहना है कि इन्होंने बैंक अधिकारियों को घूस देकर हासिल करीब 1000 करोड़ रुपए के कर्ज की रकम शेयर बाजार में लगा दी। दो प्रमुख बिजनेस चैनलों ने सूत्रों के हवाले यह खबर दी है। उनका कहना है कि इसमें से एक कंपनी ने 560 करोड़, दूसरी ने 300 करोड़ और बाकी तीन ने 50-60 करोड़ रुपए के कर्ज उठाए थे।
इन कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन सीबीआई ने जिन 17 कंपनियों को नोटिस भेजे हैं, उनमें प्रमुख नाम हैं – मंत्री रीयल्टी, एंटरटेनमेंट वर्ल्ड, इंदौर सिटी रीयल्टी ट्रेजर, लवासा कॉरपोरेशन, आशापुरा माइनकेम, बीजीआर एनर्जी, ओपीजी ग्रुप, सुज़लॉन, जेपी ग्रुप, डी बी रीयल्टी, पैंटालून्स और अडानी समूह।
इस बीच सरकार ने कहा है कि इस घोटाले से जुड़े टैक्स-संबंधी मसलों की जांच आयकर विभाग अलग से करेगा। राजस्व सचिव सुनील मित्रा के मुताबिक अभी तो नहीं, लेकिन आगे आयकर विभाग इस घोटाले के कर-संबंधी पहलुओं पर गौर करेगा। बता दें कि बुधवार को सीबीआई ने एलआईसी के निवेश (सचिव) नरेश चोपड़ा और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के सीईओ आर रामचंद्रन नायर समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
वैसे, वित्त मंत्रालय इसे महज रिश्वतखोरी का ही मामला मानता है। उसका कहना है कि यह कोई बड़े स्तर का घोटाला नहीं है और इसका दायरा कुछ व्यक्तियों तक सिमटा हुआ है।