प्रेसिजन पाइप्स एंड प्रोफाल्स कंपनी लिमिटेड पाइप नहीं बनाती। वह कारों में इस्तेमाल होनेवाले सीलिंग सिस्टम व मोल्डिंग, रेफ्रिजरेशन में लगनेवाले तमाम पीवीसी पार्ट और निर्यात बाजार के लिए भांति-भंति की मोल्डिंग बनाती है। हां, उसके समूह की अन्य कंपनी जरूर पीवीसी पाइप बनाती है। 1978 में बनी कंपनी है। जापान की तोकाई कोग्यो कंपनी से तकनीक का करार कर रखा है। मारुति, होंडा, फिएट व जनरल मोटर्स से लेकर गोदरेज, इलेक्ट्रोलक्स, कैरियर, वीडियोकॉन, वोल्टास और ब्लू स्टार तक उसकी ग्राहक हैं। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस, इटली और मध्य-पूर्व के देशों को निर्यात करती है। कंपनी के चार संयंत्र दिल्ली और नोएडा में हैं।
कंपनी के शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए है और वो बीएसई (कोड – 532934) और एनएसई (कोड – PPAP) में लिस्टेड है। अभी इसका भाव 103-104 रुपए चल रहा है, जबकि इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 110.80 रुपए (2 जुलाई 2010) और न्यूनतम स्तर 48.60 रुपए (5 नवंबर 2009) रहा है। बाजार के जानकारों की मानें तो इस स्टॉक में जल्दी ही बड़ी खरीद होनेवाली है जिससे यह अच्छा-खासा बढ़ सकता है। कितना? यह नहीं मालूम। हां, इस शेयर में सर्किट ब्रेकर 20 फीसदी का है। यानी, यह एक दिन में 20 फीसदी ऊपर-नीचे हो सकता है।
कंपनी वित्तीय आधार पर मजबूत नजर आती है। उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू अभी 112.53 रुपए है। मतलब शेयर का भाव बुक वैल्यू से नीचे चल रहा है जिसे निवेश का अच्छा पैमाना जाता है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 11.11 रुपए और उसका शेयर 9.34 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि इसी उद्योग की कंपनी जैन इरिगेशन का पी/ई अनुपात 34 के ऊपर है। यह आंकड़ा भी दिखाता है कि कंपनी के शेयर में बढ़ने की गुंजाइश है। मुश्किल यही है कि बी ग्रुप के इस शेयर में सौदे ज्यादा नहीं होते। बीएसई में पिछले दो हफ्ते में रोजाना का औसत कारोबार 66,000 शेयरों का रहा है। कल इसके करीब 22,000 शेयरों में सौदे हुए हैं। एनएसई में वोल्यूम कल 41289 शेयरों और परसों 87,705 शेयरों का रहा है।
कंपनी की 14 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों व उनके रिश्तेदारी की हिस्सेदारी 62.95 फीसदी है। घरेलू संस्थाओं के पास उसके 1.20 फीसदी शेयर हैं। 12.81 फीसदी कॉरपोरेट निकायों के पास हैं। इसके बाद बचे 13.04 फीसदी शेयर ही रिटेल निवेशकों व एचएनआई के पास हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 28,814 है। निवेशकों का आधार सीमित होने से थोड़ी-सी सक्रियता भी शेयर में ज्यादा हलचल पैदा कर सकती है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 171.25 करोड़ रुपए की आय पर 13.58 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। इस साल जून 2010 की पहली तिमाही में उसकी आय 42.97 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 4.24 करोड़ रुपए रहा है, जबकि ठीक साल भर पहले की इसकी अवधि में उसकी आय 37.72 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 2.27 करोड़ रुपए रहा था। इस तरह कंपनी प्रगति तो ठीकठाक कर रही है। उम्मीद है कि शेयर भी जल्दी ही ऐसी प्रगति दिखाएगा।
हां, शायद आपने गौर किया होगा कि बीएसई की वेबसाइट अब बहुत अच्छी हो गई है और कंपनियों से लेकर बाजार तक की तमाम जानकारियां वहां बड़ी स्पष्टता और आसानी से मिल जाती हैं, जबकि एनएसई की साइट अब भी फिसड्डी बनी हुई है। यही रफ्तार रही तो बीएसई धीरे-धीरे एक दिन अपना खोया हुआ गौरव हासिल कर लेगा।