खाद्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इस साल खाद्यान्न उत्पादन 160 लाख टन रहेगा जो 145.7 लाख टन के अनुमान से करीब 9 फीसदी ज्यादा है। मेरी राय में यह खाद्य पदार्थों से उपजी मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए पर्याप्त है। मुद्रास्फीति वैसे भी इस समय बहुत ज्वलंत मुद्दा बनी हुई है और खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति में कमी का हर संकेत स्वागतयोग्य है।
दूसरी तरफ इस तिमाही में कंपनियों की आय शानदार रहेगी। अमेरिकी बाजार भी हर दिन उठ रहे हैं। दुनिया के निवेशकों ने भारत के बारे में पक्का मन बना लिया है और वे हर दिन अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।
आज के हालात में बाजार में अगर कोई ऊहापोह में फंसा है तो वे हैं एचएनआई (हाई नेटवर्थ यानी अमीर व्यक्ति), रिटेल निवेशक और एलआईसी को छोड़कर हमारी बाकी घरेलू वित्तीय संस्थाएं। तरलता को लेकर कोई शक-शुबहा नहीं है। सच कहूं तो अपनी जिंदगी में किसी वित्त वर्ष का ऐसा शांत अंत मैं पहली बार देख रहा हूं।
जो अपना निवेश निकालना चाहते थे, वे शांति से बाहर निकल गए। जो लोग ब्रोकरों के दबाव से बचना चाहते थे, वे भी खुश हैं क्योंकि ब्रोकर भी एक पैसे ब्रोकरेज के इस दौर में अपना धंधा बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने ज्यादा दबाव डाला ही नहीं।
आयकर विभाग और दूसरी बाजार नियामक संस्थाएं इतनी चौकस हैं कि मुनाफा इधर से उधर करना या भावों से छेड़छाड़ करना दूभर हो गया है। हालांकि सुधार की गुंजाइश तो हमेशा ही रहती है। सचिन तेंडुलकर जैसा खिलाड़ी भी अपने खेल के बारे में मानता है कि अभी काफी सुधार किया जा सकता है।
सीएनआई का मानना है कि बाजार ने पूरे मार्च के दौरान अपने को समेटा है और अब वह कंपनियों की आय के साथ ही वैश्विक स्थिरता के दम पर छलांग लगाने को तैयार है। निफ्टी फ्यूचर्स में 5400 व 5600 की सीरीज में खरीद की अच्छी स्थिति है जबकि 5300 के स्तर पर पुट ऑप्शन सौदे दिखाते हैं कि निफ्टी की नई रेंज 5300 से 5600 की हो सकती है। बाजार आज भले ही थोड़ा गिरकर बंद हुआ है क्योंकि साल के अंत मे बिकवाली का थोड़ा दबाव चल रहा है। लेकिन बाजार को लेकर मेरी धारणा तेजी की ही है।
टेक्नोलॉजी और सरकारी बैंकों के स्टॉक में थोड़ी मुनाफावसूली यानी बेचकर मुनाफा कमाने का सिलसिला चला है। सीएनआई का मानना है कि इस समय रीयल्टी कंपनियों के शेयर, आईडीबीआई, इस्पात इंडस्ट्रीज, इंडिया सीमेंट, एस्सार ऑयल और सेंचुरी में निवेश सुरक्षित है क्योंकि इनमें गिरावट की गुंजाइश नहीं है।
असली काबिलियत सारा काम खुद करने में नहीं, बल्कि तेजी से निर्णय लेकर दूसरों से करवाने में है। वैसे भी हम सारा काम खुद नहीं कर सकते।