संवत 2073 बीत गया। नया संवत 2074 शुरू हो रहा है। सभी शुभलाभ के लिए शुभ शुरुआत की कामना रखते हैं। यह बहुत अच्छी बात है और सहज मानव स्वभाव का हिस्सा है। लेकिन वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग में जहां हर दिन नहीं, हर पल हालात व भाव बदलते हों, वहां क्या कोई शुभ शुरुआत अपने-आप में पर्याप्त हो सकती है? यहां तो बराबर ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ वाली स्थिति रहती है। इसी फ्रेम में हमें मुहूर्त ट्रेडिंग के मौके पर क्या करना है, इसका फैसला करना चाहिए।
आज शाम बीएसई व एनएसई में लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया गया है। उसके बाद 6.15 से 6.30 बजे तक प्री-ओपन सत्र होगा। फिर 6.30 से 7.30 बजे तक एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग होगी। इसमें बड़े-बडे ब्रोकर और स्टॉक एक्सचेंज में अधिकारी-कर्मचारी ही शामिल होते। बाकी अधिकांश डे-ट्रेडर और अन्य निवेशक व कारोबारी घर-परिवार के साथ दीपावली की छुट्टी मनाते हैं। मां लक्ष्मी के आनेवाले दिन कोई भी शाम को अपना घर छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहता। ऐसे में क्या आप मुहूर्त ट्रेडिंग करना चाहेंगे?
ध्यान दें कि शेयर बाज़ार में मुहूर्त ट्रेडिंग उनको ही करनी चाहिए जो इससे जमकर फायदा कमाते हैं। इनमें शामिल हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और प्रवर्तकों के साथ मिलकर धंधा करनेवाले ऑपरेटर। इनको पहचानना है तो आज शाम बीएसई या एनएसई के दीपावाली पूजा समारोह में जाकर अच्छी तरह देख लीजिए। आपको पता ही होगा कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 में पहली यानी जून तिमाही में बीएसई का शुद्ध लाभ साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 12 गुना होकर 523.70 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। बीएसई को एनएसई की तुलना में कमतर आंका जाता है और वहां का कारोबार बीएसई से कई गुना होता है। तब सोचिए कि एनएसई को उक्त अवधि में कितना मुनाफा हुआ होगा। हालांकि बीते वित्त वर्ष 2016-17 में एनएसई ने कुल 1033.32 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दिखाया था।
आप कहेंगे कि एक्सचेंज, ब्रोकर या ऑपरेटर मुनाफा कमाए तो हमें क्यों इससे पीछे रहना चाहिए। आखिर, संवत 2073 में बीएसई सेंसेक्स 16.61% बढ़कर 32,584.35 और एनएसई निफ्टी 18.20% बढ़कर 10,210.85 पर पहुंच गया जबकि इस दौरान नोटबंदी और जीएसटी जैसे व्यवधानकारी कदम उठाए गए। ऐसे में संवत 2074 तो अच्छा ही जाएगा क्योंकि उसके कुछ ही महीने बाद देश में आम चुनाव होने हैं तो सरकार अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करनेवाले कोई कदम नहीं उठाएगी। इसलिए बेहतर है कि हम नए संवत का आगाज़ अच्छा कर लें। कहते भी हैं कि शुरुआत अच्छी हो जाए तो सफलता की आधी मंज़िल खुद-ब-खुद हासिल हो जाती है।
हालांकि नए संवत में ज्यादा बढ़त का अनुमान नहीं है। प्रमुख अंग्रेज़ी बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने देश के 12 प्रमुख ब्रोकरों के सर्वे के आधार पर कहा कि अगली दीवाली तक सेंसेक्स 35,400 और निफ्टी 11,000 के पार चला जाएगा। यह सेंसेक्स में 8.84% और निफ्टी में 7.73% का रिटर्न दिखाता है जिसे कोई खास नहीं कहा जा सकता। लेकिन मनीकंट्रोल जैसी वेबसाइटों ने 10-10 स्टॉक्स की लिस्ट पेश की है जिनको लेकर उनका दावा है कि उनमें अभी निवेश करने पर 48% तक रिटर्न मिल सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड जैसे अखबार ने भी 10 लार्जकैप स्टॉक्स की सूची पेश की है जिसमें 20% से ज्यादा रिटर्न मिलने का दावा किया गया है।
आपके ब्रोकर या सलाहकार ने भी ऐसी ही कुछ टिप्स भेजी होगी। मेरे पास भी दस स्टॉक्स की लिस्ट आई है। ये हैं – एक्साइड इंडस्ट्रीज़, सुवेन लाइफ साइसेंज, त्रिभुवनदास भीमजी झावेरी, ग्रीनप्लाई, आईटीसी, जेएम फाइनेंशियल, रिलैक्सो फुटवियर, एक्सिस बैंक, एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज और बजाज ऑटो। आपको इन सलाहों पर जो करना है, वह आपकी मर्जी। लेकिन हमारा कहना है कि ये सारी सलाहें या टिप्स अखबारों, चैनलों, वेबसाइटों व ब्रोकरों के अपने बिजनेस मॉडल का हिस्सा हैं। इनमें फंसने पर आपका नहीं, उनका ही भला होने जा रहा है। इसलिए आपका हित उनसे दूर रहकर आज अध्ययन और मनन-चिंतन में ही है।
मन में अच्छी तरह बैठा लें कि भविष्य कोई नहीं जानता और न ही इसे ठीकठाक जानने की मशक्कत करनी चाहिए। बहुत हुआ तो उसको लेकर अनुमान और प्रायिकता के आधार पर दांव लगाया जा सकता है। जो भी भविष्य जानने का दावा करते हैं, खुद को त्रिकालदर्शी जैसा बताते हैं, वे दरअसल ठग या महाठग होते हैं। वे हमारे डर और कुतुहल का फायदा उठाकर अपना धंधा चमकाते हैं। इसलिए समझदारी इसमें है कि हम उनका धंधा चमकाने के बजाय अपना धंधा जमाने की कोशिश करें।
फिर भी अगर आपको लगता है कि दीपावली के शुभ अवसर पर आपको कुछ न कुछ निवेश करना है तो आप सोने में धन लगा सकते हैं। इस समय 24 कैरट सोने का दाम 29,568 रुपए प्रति दस ग्राम चल रहा है, जबकि साल भर पहले यह 29,912 रुपए प्रति दस ग्राम था। इस तरह यह पहले से घट गया है। असल में अगस्त 2011 में ऐतिहासिक शिखर पर पहुंचने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की रौनक अभी तक लौटी नहीं है। सोना शिखर से अब भी 33% नीचे चल रहा है। लेकिन इस दौरान हमारा रुपया डॉलर के मुकाबले 30% गिर चुका है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने के गिरने का फायदा भारतीय ग्राहकों को नहीं मिला। नोट करें कि सोना खरीदते वक्त हमें उसके अंतरराष्ट्रीय भाव और रुपए की विनियम दर के रिश्ते को ध्यान में रखना चाहिए।
आप सीधे सोना न खरीदना चाहें कि गोल्फ ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। साथ में निफ्टी ईटीएफ में भी थोड़ा निवेश कर सकते हैं। मैं अपने अनुभव से जानता हूं कि क्वांटम म्यूचुअल फंड छोटा फंड होने के बावजूद आम निवेशकों के फायदे के लिहाज़ से काफी अच्छा है। एक तो वह कोई एजेंट नहीं रखता और सीधे उसके अपने कर्मचारी स्कीम बेचते हैं तो कमीशन का चक्कर नहीं रहता। दूसरे, उसके शुल्क दूसरों से बहुत कम हैं। आप चाहें तो क्वांटम गोल्ड फंड ईटीएफ (एनएसई कोड – QGOLDHALF) और क्वांटम निफ्टी ईटीएफ (एनएसई कोड – QNIFTY) में निवेश कर सकते हैं। गोल्फ ईटीएफ में एक यूनिट आधा ग्राम सोने (0.995 फाइनेस) की है, वहीं निफ्टी ईटीएफ भी अच्छा विकल्प है क्योंकि उसका एक्सपेंस अनुपात दूसरे ओपन एन्डेड म्यूचुअल फंडों से कम रहता है।
अंत में आप सभी पाठकों को अंधेरे पर उजाले की जीत का पर्व दीपावली बहुत-बहुत मुबारक। नया संवत 2074 आपके जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द लाने का संवाहक बने। मां लक्ष्मी के साथ सरस्वती की कृपा भी आप पर बनी रहे। तथास्तु, आमीन…