भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड, हिंदी में यही नाम है शिंपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड या एससीआई का। बुधवार को करीब 11.30 बजे कंपनी ने एक छोटी सी घोषणा की कि वह 29 मई को होनेवाली निदेशक बोर्ड की बैठक में अपनी अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है। इससे पहले 26 अप्रैल को उसने स्टॉक एक्सचेंजो को सूचित किया था कि वह 29 मई को निदेशक बोर्ड की बैठक में 31 मार्च 2010 को खत्म वित्त वर्ष 2009-10 के अंकेक्षित (ऑडिटेड) नतीजों का अनुमोदन करेगी और लाभांश देने की सिफारिश पर भी विचार कर सकती है।
सवाल उठता है कि आखिर उसे पुरानी घोषणा में संशोधन करने की जरूरत क्यों पड़ गई? अचानक अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार क्यों जरूरी हो गया? सूत्रों के मुताबिक असली बात यह है कि एससीआई अपने शेयरधारकों को बोनस देने की घोषणा करनेवाली है और यह बोनस एक पर एक का हो सकता है। कंपनी की चुकता शेयर पूंजी अभी 423.25 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। लेकिन कंपनी की अधिकृत अभी 450 करोड़ रुपए ही है। अगर कंपनी 1:1 का बोनस देती है तो उसकी चुकता पूंजी दोगुनी होकर 846.50 करोड़ रुपए हो जाएगी। लेकिन इसके लिए उसकी अधिकृत पूंजी बढ़ानी जरूरी है क्योंकि किसी भी कंपनी की चुकता पूंजी उसकी अधिकृत पूंजी से ज्यादा नहीं हो सकती।
इसलिए जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर 29 मई की बोर्ड मीटिंग के एजेंडे में अधिकृत पूंजी बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल किया गया है तो इसका सीधा-सा मतलब हुआ कि कंपनी बोनस देनेवाली है। यह केंद्र द्वारा घोषित नवरत्न कंपनी है। उसके पास 31 मार्च 2009 को 5785 करोड़ रुपए के रिजर्व थे। कंपनी की 80.12 फीसदी इक्विटी अभी केंद्र सरकार के पास है। एफआईआई के पास 2.12 फीसदी और घरेलू संस्थाओं (डीआईआई) के पास कंपनी के 13.04 फीसदी शेयर हैं। डीआईआई में भी 9.84 फीसदी शेयर को अकेले जीआईसी और एलआईसी के पास हैं। केवल 4.72 फीसदी शेयर ही रिटेल निवेशकों के पास हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि एससीआई में आगे पब्लिक इश्यू का आना तय है क्योंकि सरकार को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी पर लानी है। लेकिन इससे पहले वह कंपनी की ‘कैश स्ट्रिपिंग’ कर लेना चाहती है। फिर, कंपनी के पास भरपूर रिजर्व हैं। इसलिए वह बोनस शेयर लानेवाली है। साथ ही लाभांश की दर भी अच्छी रहने की संभावना है। वह बीते वित्त वर्ष के लिए 6.50 रुपए का अंतरिम लाभांश तो पहले ही घोषित कर चुकी है।