राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 29 फरवरी 2012 तक राज्यों को 6992.44 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है, जबकि 31 मार्च 2012 को खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना के लिए कुल बजट प्रावधान 7729.24 करोड़ रुपए का था। इस तरह 11 महीनों में लक्ष्य का 90.5 फीसदी ही हासिल किया जा सका है। 2007-08 से लेकर अब तक किसी भी साल बजट में तय रकम पूरी तरह नहीं जारी की गई है।
गुरुवार को कृषि मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि नए वित्त वर्ष 2012-13 के बजट में इस योजना के लिए 9217 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इस योजना में कुल नौ घटक शामिल हैं। ये घटक इस प्रकार हैं – वर्षा सिंचित क्षेत्रों में चुने गए दाल व तिलहन उत्पादक गांवों में पैदावार बढ़ाने के लिए विशेष अभियान, पूर्वी भारत में कृषि में उपज के अंतर को कम करने की योजना, सब्जी संकुलों के लिए अभियान, त्वरित चारा विकास कार्यक्रम, वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास कार्यक्रम, पाम ऑयल को प्रोत्साहन, पोषक-अनाजों को बढ़ावा, राष्ट्रीय प्रोटीन पूरक आहार मिशन और केसर अभियान।
इस योजना का उद्देश्य कृषि व संबंधित क्षेत्रों के समग्र विकास के जरिए कृषि में 4 फीसदी सालना वृद्धि दर को हासिल करना है। इसके तहत राज्यों को कृषि और संबंधित क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने का उद्देश्य भी है और साथ ही इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बेहतर योजना और उपयुक्त वृद्धि-उन्मुखी परियोजनाओं के द्वारा कृषि और संबंधित क्षेत्रों में बढ़ोतरी के लिए राज्यों को समर्थ बनाना है।