वीएसटी इंडस्ट्रीज देश की प्रमुख सिगरेट निर्माता कंपनी है। 1930 में हैदराबाद शहर में उसका गठन हुआ था तो नाम वज़ीर सुल्तान टोबैको कंपनी हुआ करता था। चार्म्स, चारमीनार और मोमेंट्स उसी के ब्रांड हैं। यूं तो सिगरेट के बाजार में विल्स और गोल्ड फ्लैक जैसे ब्रांड़ों के साथ आईटीसी का कमोबेश एकाधिकार है। लेकिन ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज का कहना है कि सस्ते सिगरेटों के बाजार में वीएसटी का दबदबा है और कंपनी को लोगों की बढ़ती क्रयशक्ति और मांग के बीड़ी से सिगरेट की तरफ बढ़ने का अच्छा फायदा मिलेगा।
उसका आकलन है कि वीएसटी इंडस्ट्रीज की बिक्री वित्त वर्ष 2013-14 तक 16.7 फीसदी और शुद्ध लाभ 27.6 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगा। ब्रोकरेज फर्म ने ठीक एक हफ्ते 21 मार्च को इसका शेयर खरीदने की सिफारिश की थी। तब दस रुपए अंकित मूल्य का यह शेयर 1450 रुपए के आसपास पर चल रहा था। कल, 28 मार्च को बीएसई (कोड – 509966) में 1411.20 रुपए और एनएसई (कोड – VSTIND) में 1415.20 रुपए पर बंद हुआ है। आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज का कहना है कि यह शेयर 12 से 15 महीनों में 1829 रुपए तक पहुंच जाएगा।
उसने इस मूल्य पर पहुंचने के लिए मूल्य और बिक्री प्रति शेयर के गुणक का सहारा लिया है। उसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2012-13 में कंपनी की बिक्री 841.7 करोड़ रुपए और इसके अगले वर्ष 2013-14 में 964 करोड़ रुपए रहेगी। कंपनी की इक्विटी करीब 15.44 करोड़ रुपए है जो दस रुपए के 1,54,41,920 शेयरों में विभाजित है। इस तरह अगले दो सालों में कंपनी की प्रति शेयर बिक्री क्रमशः 545.07 रुपए और 624.27 रुपए निकलती है। अभी की बात करें तो उसके शेयर का बाजार भाव इस दोनों सालों की प्रति शेयर बिक्री से क्रमशः 2.6 और 2.3 गुना चल रहा है।
ऐतिहासिक रूप से यह शेयर अभी तक बिक्री प्रति शेयर से 0.5 से लेकर 2.5 गुणा पर ही ट्रेड हुआ है। लेकिन ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि अगले दो सालों में ऊंची विकास दर हासिल करने के कारण कंपनी के शेयर को अब बाजार ज्यादा भाव देगा और वह करीब तीन के गुणक पर ट्रेड होगा। तमाम बारीक गणनाओं के बाद उसने वीएसटी इंडस्ट्रीज के शेयर का भावी भाव 1829 रुपए निकालता है। वैसे, उसी के अनुमानों के आधार पर इसे 1872 रुपए तक पहुंच जाना चाहिए।
खैर, इस शेयर ने इसी महीने 19 मार्च को 1506.70 रुपए पर 52 हफ्तों का सर्वोच्च स्तर हासिल किया है। उसके बाद वह 22 मार्च को 1400 रुपए तक का चक्कर लगा चुका है। तीन दिन में ही सात फीसदी का फटका! इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 627.70 रुपए का है जो इसने साल भर पहले 30 मार्च 2011 को हासिल किया था। इस साल जनवरी महीने में 1050 रुपए पर रहा शेयर 19 मार्च को 1500 रुपए तक जा पहुंचा। इसी से जाहिर होता है कि इन तीन महीनों में इसे बटोर लिया गया है। चूंकि अब उसे निकालना है तो दूसरे खरीदेंगे, तभी बेचा जा सकता है। इसलिए ब्रोकरेज फर्म ने आम निवेशकों के लिए इसे खरीदने की सिफारिश जारी कर दी। असल में ऐसी ही हरकतों से किसी भी विश्लेषक या रिसर्च रिपोर्ट के प्रति आम निवेशकों का भरोसा टूट जाता है।
हालांकि, बाहर से देखने पर लगता है कि वीएसटी इंडस्ट्रीज कोई घटिया कंपनी नहीं है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में उसने 584.57 करोड़ रुपए की बिक्री पर 95.01 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 27.15 फीसदी था। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की जून तिमाही में उसका ओपीएम 36.85 फीसदी, सितंबर में 32.86 फीसदी और दिसंबर में 35.81 फीसदी रहा है। दिसंबर तिमाही में उसकी बिक्री 25.81 फीसदी बढ़कर 172.91 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 45.59 फीसदी बढ़कर 37.97 करोड़ रुपए हो गया है। दिसंबर तक के नतीजों के आधार पर उसका पिछले बारह महीनों का ईपीएस 85.93 रुपए है। इस तरह उसका शेयर इस वक्त 16.51 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि इसकी समकक्ष कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स का शेयर 21.12 के पी/ई पर चल रहा है।
इस लिहाज से कोई कह सकता है कि इसमें बढ़ने की गुंजाइश है। दूसरे, इस साल के बजट में सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी में अपेक्षाकृत कम वृद्धि का फायदा कंपनी को मिलेगा। तीसरे, पूरी तरह ऋण-मुक्त कंपनी है। ऊपर से लाभांश भी जबरदस्त देती है। बीते साल के लिए उसने दस रुपए के शेयर पर 45 रुपए (450 फीसदी) लाभांश दिया था। हालांकि शेयर के बाजार भाव को देखते हुए उसका लाभांश यील्ड महज 3.17 फीसदी पर आ जाता है। सारे पहलुओं को देखकर यही लगता है कि वीएसटी इंडस्ट्रीज पर नजर तो रखी जा सकती है। लेकिन निवेश इसके गिरकर 1100 रुपए के आसपास आने पर ही करना चाहिए। अभी तो गुबार है, धुआं है। उसे पहले उतरने दिया जाए।
कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों का हिस्सा 32.16 फीसदी है। एफआईआई ने इसके 2.82 फीसदी और डीआईआई ने 15.53 फीसदी शेयर खरीद रखे हैं। इन दोनों ने ही दिसंबर तिमाही में कंपनी में अपना निवेश बढ़ाया है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 12,999 है। इसमें से 12,307 यानी 94.68 फीसदी एक लाख रुपए से कम लगानेवाले छोटे निवेशक हैं जिनके पास उसके कुल 14.41 फीसदी शेयर हैं।