वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2010 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 9.59 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि ठीक इसके पहले मार्च 2010 में यह 9.90 फीसदी थी। साल भर पहले अप्रैल 2009 में मुद्रास्फीति की दर केवल 1.31 फीसदी थी। अप्रैल में मुद्रास्फीति की दर में आई कमी की खास वजह फलों, प्याज, गेहूं और अन्य अनाजों के थोक भावों का घटना है। जैसे, आलू के भाव में 28.70 फीसदी और प्याज के भाव में 11.62 फीसदी कमी आई है। वैसे, इस दौरान खाद्य पदार्थों के औसत दाम साल भर पहले की तुलना में 16.87 फीसदी बढ़े हैं।
दूसरी तरफ खाद्य व उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने देश भर से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर बताया है कि 13 मई यानी कल तक के हफ्ते में देश के ज्यादातर भागों में गेहूं, चावल व चीनी के दाम स्थिर रहे हैं। चेन्नई, डिंडीगुल व गुवाहाटी जैसे कुछ इलाकों में गेहूं के दाम घटे हैं। हां, विजयवाड़ा में जरूर इसमें वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय देश के चुनिंदा इलाकों से भाव इकट्ठा करता है और इन्हीं के आधार पर उसने निष्कर्ष निकाला है।
इसके आधार पर लखनऊ व तिरुवनंतपुरम में चीनी के दाम घटे हैं, जबकि अन्य रिपोर्टिंग केंद्रों में स्थिर हैं। ज्यादातर हिस्सों में खाद्य तेलों के दाम में कोई घट-बढ़ नहीं हुई है। दिल्ली में चावल, चना व अरहर की दाल हफ्ते भर में सस्ती हुई है। वहीं गेहूं, आटा, मसूर दाल, उड़द दाल, दूध, मूगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, आलू व प्याज के भाव स्थिर रहे हैं। मूंग दाल व चीनी के दाम में मामूली बढ़त हुई है।
मंत्रालय के अनुसार देश में आयात की गई 5.90 लाख टन दालों में 5.86 लाख टन 10 मई तक सार्वजनिक उपक्रमों को दे दी गई है। 31 मार्च 2010 तक 2.51 लाख टन दाल पीडीएस के लिए उपलब्ध कराई गई है।