सरकार ने तत्काल प्रभाव से कपास निर्यात पर रोक लगा दी है। इस बाबत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर दी जिसके तहत कपास के निर्यात पर अगले आदेश तक पाबंदी लगी रहेगी। इसकी खास वजह यह है कि घरेलू खपत से बची 84 लाख गांठों के निर्यात का लक्ष्य था, जबकि अब तक वास्तव में करीब 94 लाख गांठों का निर्यात किया जा चुका है।
इस साल पिछले वर्ष के समान ही कपास का उत्पादन हुआ था। घरेलू मांग में कमी की संभावना के तहत अतिरिक्त निर्यात का लक्ष्य 84 लाख गांठें रखा गया था। लेकिन निर्यात आंकड़ों की समीक्षा से पता चला है कि 20 फरवरी 2012 को निर्यात निर्धारित लक्ष्य को पार कर गया और 29 फरवरी 2012 तक 91 लाख गांठों का निर्यात किया जा चुका था। इस रफ्तार के मद्देनजर संभावना है कि मध्य मार्च तक कपास का निर्यात 100 लाख गांठों तक पहुंच जाएगा।
घरेलू खपत के रुझान और कपास की उपलब्धता में आती कमी को देखते हुए कपास के और निर्यात पर पाबंदी लगाई गई है। दिक्कत यह है कि कपास की उपलब्धता इस समय 2009-10 के कपास उत्पादन से भी नीचे आ चुकी है। साथ ही इसका भंडार भी कम हो गया है। कपास सीजन 2010-11 में तय सीमा से ज्यादा निर्यात के कारण चालू सीजन 2011-12 के लिए बचा हुआ स्टॉक 48.30 लाख गांठों के बजाय करीब 33 लाख गांठ रह गया है।