सेंसेक्स आज एक ही झटके में 540 अंक से ज्यादा का गोता लगा गया, जबकि पिछले हफ्ते वह 600 अंकों का धक्का पहले ही सह चुका था। निफ्टी भी 160 से ज्यादा अंक गिरकर 5268.15 तक पहुंच गया। व्यवस्थागत खामी के आई इस जबरदस्त गिरावट ने ट्रेडरों की हालत खराब कर दी है। इसने निस्संदेह रूप से साबित कर दिया है कि बाजार को फंडामेंटल्स के विरुद्ध जाकर जबरदस्ती चढ़ाया गया था और अब नीचे लाया जा रहा है। ऐसा सिर्फ और सिर्फ इसीलिए संभव हो पाया क्योंकि अपने प्रमुख स्टॉक्स एक्सचेंज एनएसई में स्टॉक्स के डेरिवेटिव सौदों में कैश सेटलमेंट की व्यवस्था बराबर चालू है।
मैंने आपको पिछले हफ्ते मंगलवार व बुधवार को बताया था कि रोल्स नहीं हो रहे हैं और इसलिए बाजार को नीचे लाने के लिए नए सेटलमेंट के पहले दिन शुक्रवार से बिकवाली शुरू हो सकती है। तार्किक रूप से कहें तो तेजड़िए मूर्ख नहीं थे जो ऊंचे स्तर पोजिशन बनाए रखते। इस करेक्शन से पक्के तौर पर दो चीजें जाहिर हुई हैं। वह यह कि सारे लांग सौदे समेट लिए गए हैं और नए शॉर्ट सौदे किए जाने लगे हैं। फिलहाल बाजार काफी हल्का हो चुका है। फिर भी और करेक्शन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
निफ्टी आज अंततः 2.73 फीसदी की गिरावट के साथ 5280.21 पर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी फ्यूचर्स का बंद स्तर 5327.10 रहा है। अगर निफ्टी फ्यूचर्स कल 5280 का स्तर तोड़कर उससे नीचे बंद होता है तो सारी लांग पोजिशन से निकल जाना बेहतर होगा। तब हमें दोबारा घुसने के लिए इसके 5000 से 4800 तक पहुंचने का इंतज़ार करना होगा। इस दरमियान हम हर डुबकी पर खरीदने की रणनीति अपनाते रहेंगे। हमेशा कुछ न कुछ शॉर्ट पोजिशन बनाए रखें ताकि लांग सौदों से होनेवाले नुकसान की भरपाई की जा सके।
खबर आई है कि तेल कंपनियां जल्दी ही पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने जा रही हैं। ऐसा नहीं है कि इसका अंदाज़ा तो बाजार को पहले है। इसलिए यह बाजार के चकनाचूर होने का कारण नहीं हो सकता। कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों को ग्राफ हफ्ते भर पहले भी इसी तरह उठ रहा था। लेकिन इसके बावजूद बाजार बढ़ा था। हां, कुछ एफआईआई ने अब मुनाफावसूली शुरू कर दी है और इसे वाजिब भी समझा जा सकता है।
वैसे, मजेदार तथ्य यह है कि एक बार फिर बाजार में करेक्शन तब शुरू हुआ है, जबकि एफआईआई ब्रोकिंग हाउस, सीएलएसए ने कह दिया कि सेंसेक्स अब 20,800 और निफ्टी 10,000 के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। सीएलएसए की रिपोर्ट मंगलवार 21 फरवरी को जारी हुई और उसी दिन से बाजार गिरने लगा। तब से लेकर अब तक सेंसेक्स 5.33 फीसदी गिर चुका है। इधर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी शुरू हो चुकी है। लेकिन मुझे लगता है कि आज के करेक्शन के बाद इसे फिर से धक्का लगा होगा। पिछले हफ्ते से गिर रहे बाजार ने ओएनजीसी के शेयर बेचने की सरकारी योजना को भी दांव पर लगा दिया है।
आप न चाहें तो कोई भी आपको हीन नहीं महसूस करा सकता।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)