जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी रिलायंस म्यूचुअल फंड में भी 26 फीसदी इक्विटी खरीदेगी। यह सौदा 29 करोड़ डॉलर (1450 करोड़ रुपए) में हुआ है जो भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में अब तक किया गया सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है। इससे पहले अमेरिका की टी रोवे ने यूटीआई म्यूचुअल फंड में 26 फीसदी हिस्सा 14.24 करोड़ डॉलर और जापान की नोमुरा एएमसी ने एलआईसी म्यूचुअल फंड का 35 फीसदी मालिकाना 6.28 करोड़ डॉलर में खरीदा था।
निप्पन लाइफ और रिलायंस म्यूचुअल फंड के बीच गुरुवार को करार पर हस्ताक्षर किए गए। इस सौदे में रिलायंस म्यूचुअल फंड को संचालित करनेवाली एएमसी (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) का कुल मूल्य 110 करोड़ डॉलर (करीब 5600 करोड़ रुपए) आंका गया है। बता दें कि रिलायंस म्यूचुअल फंड कुल आस्तियों (एयूएम) के मामले में लंबे समय से देश में नंबर एक पर रहने के बाद अब दूसरे नंबर पर आ गया है। दिसंबर 2011 तक उसका औसत एयूएम 82,305.81 करोड़ रुपए है, जबकि एचडीएफसी म्यूचुअल फंड 88,628.03 करोड़ रुपए की औसत आस्तियों के साथ पहले नंबर पर है।
रिलायंस एएमसी अभी रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी के रूप काम कर रही है। करार पर हस्ताक्षर के बाद रिलायंस कैपिटल के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा, “हम अपने म्यूचुअल फंड कारोबार में निप्पन के रणनीति सहभागी बनने पर प्रसन्न हैं। वह जीवन बीमा कारोबार में पहले ही हमारी सहयोगी हैं।” इस करार के बाद रिलायंस कैपिटल का शेयर बीएसई में 3.71 फीसदी बढ़कर 329.65 रुपए पर बंद हुआ। हालांकि दिन में यह एक समय 5.09 फीसदी बढ़कर 334.05 रुपए पर चला गया था।
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में ही रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी निप्पन लाइफ को करीब 3000 करोड़ रुपए में बेची थी। रिलायंस लाइफ भी रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी है। असल में रिलायंस कैपिटल और निप्पन लाइफ में पहले ही इस बात पर सहमति बन चुकी है कि वे वित्तीय सेवा से जुड़े सारे कारोबार में रणनीतिक सहयोग करेंगी। निप्पन लाइफ फॉर्च्यून-100 की सूची में शामिल है और दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है।