ईरान और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव का असर कच्चे तेल की कीमत पर भी देखा जा रहा है और बुधवार को यह आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। न्यूयॉर्क तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103.74 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
इसके पहले 11 मई 2011 को तेल की कीमत इस स्तर पर पहुंची थी। बाजार विश्लेषकों के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर बढ़ती उम्मीदों से तेल की कीमतों को बल मिला है। इसके अलावा ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव से भी तेल की कीमतों में उछाल आया है।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय निवेश व ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का अनुमान है कि चालू साल 2012 में कच्चे तेल की कीमतें नीचे आएंगी। भारत के संदर्भ में उसका कहना है कि यहां सरकार के खजाने पर दबाव रहेगा तो ओएनजीसी, गेल व ऑयल इंडिया जैसी अपस्ट्रीम कंपनियों को सब्सिडी का ज्यादा बोझ उठाना पड़ सकता है। कमजोर रुपए से तेल कंपनियों की अंडर-रिकवरी बढ़ जाएगी। साथ ही तेल कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन पर दबाव देखा जा सकता है।