हिचकोले है खा रही बामर की लॉरी

बामर लॉरी तेल व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन काम करनेवाली सरकारी कंपनी है। हालांकि सरकार का निवेश इसमें प्रत्यक्ष नहीं, बल्कि परोक्ष रूप से है और उसे इसकी प्रवर्तक नहीं माना जाता। 1972 से भारत सरकार इसकी मालिक बनी है। अंग्रेजों के जमाने की कंपनी है। 1 फरवरी 1867 को शुरुआत कोलकाता में पार्टनरशिप फर्म के रूप में हुई। शुरुआती सालों में वो चाय लेकर शिपिंग, बीमा से लेकर बैंकिंग और ट्रेडिंग से लेकर मैन्यूफैक्चिरंग तक में सक्रिय रही। इस समय औद्योगिक पैकेजिंग और ग्रीस व लुब्रिकेंट की मैन्यूफैक्चरिंग के साथ-साथ चाय की ब्लेंडिंग व पैकिजिंग, टूर व ट्रैवल और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सेवाओं में सक्रिय है।

इधर उसके धंधे में काफी ऊंच-नीच चल रही है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी की बिक्री 23.26 फीसदी बढ़कर 2018.99 करोड़ रुपए हो गई थी, लेकिन शुद्ध लाभ महज 3.24 फीसदी बढ़कर 121.09 करोड़ रुपए पर पहुंचा था। इसके बाद चालू वित्त वर्ष 2011-12 की पहली तिमाही में उसकी बिक्री 15.98 फीसदी बढ़कर 590.05 करोड़ रुपए हो गई तो शुद्ध लाभ 41.14 फीसदी बढ़कर 44.91 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। लेकिन सितंबर तिमाही में बिक्री महज 6.34 फीसदी बढ़कर 532.22 करोड़ पर पहुंची तो शुद्ध लाभ 1.35 फीसदी घटकर 29.13 करोड़ रुपए पर आ गया।

इस तात्कालिक कमजोरी के बावजूद कंपनी के मूलाधार मजबूत हैं। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 82.12 रुपए है। उसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीते शुक्रवार, 16 दिसंबर को बीएसई (कोड़ – 523319) में 502.30 रुपए और एनएसई (कोड – BALMLAWRIE) में 503.60 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह वो फिलहाल 6.12 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इस शेयर का अब तक सर्वोच्च स्तर 809 रुपए का रहा है जो इसने नवंबर 2007 में हासिल किया था और तब यह 22.57 के पी/ई पर ट्रेड हुआ था। उसके साल भर बाद नवंबर 2008 में यह गिरकर 207.25 रुपए और फिर मार्च 2009 में 204 रुपए तक चला गया। नवंबर 2010 में 769.90 रुपए तक उठ गया। तब यब 12.78 के पी/ई पर था।

हमने साल भर पहले 2 दिसंबर 2010 को जब इसके बारे में पहली बार लिखा था तब यह 590 रुपए के आसपास चल रहा था और 7.95 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा था। उस वक्त हमने अनुमान लगाया था कि, “यह शेयर साल भर में 650-700 रुपए तक जा सकता है।” अगले दो महीनों में यह शेयर बढ़ता-गिरता 25 फरवरी 2011 को 499.05 रुपए पर 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर बना गया। लेकिन फिर बढ़ने लगा तो 12 अगस्त 2011 को 688.70 रुपए पर 52 हफ्ते के शिखर पर पहुंच गया। जिन्होंने आठ महीने धैर्य रखा होगा, उन्होंने 16.5 फीसदी रिटर्न हासिल कर लिया होगा। लेकिन जो उसके बाद भी इस स्टॉक में पड़े रहे होंगे, वे इस समय 15 फीसदी से ज्यादा घाटे में होंगे।

इसलिए सही रणनीति यही है कि 15 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिल रहा हो तो ज्यादा लालच न कर बेचके फायदा कमा लेना चाहिए। फिलहाल लांग टर्म व शॉर्ट टर्म का कोई मतलब नहीं रह गया है। एक तरह की ट्रेडिंग का दौर है यह। लेकिन यहां भी कुछ महीनों का धैर्य तो जरूरी है। रोज-ब-रोज की ट्रेडिंग से हमें हर हाल में दूर ही रहना चाहिए क्योंकि हमारे पास न तो उतना कौशल है और न ही जोखिम उठाने की उतनी क्षमता। डेरिवेटिव से तो जितना फासला हो, उतना ही अच्छा। हम इस चक्कर में 20 लाख रुपए गंवा चुके संजय कुमार का दुख तो हल्का नहीं कर सकते। लेकिन सबक जरूर ले सकते हैं।

अंत में बस, इतना कि बामर लॉरी का शेयर साल पहले की तुलना में सस्ता चल रहा है। इसे कुछ महीनों में 15-20 फीसदी रिटर्न के लिए खरीदा जा सकता है। आज ज्यादा तहकीकात में जाने की तबीयत नहीं है। लेकिन आप निवेश करें तो जरूर देख लें कि कंपनी का कैश-फ्लो वगैरह कैसा है। कंपनी के शेयरधारकों की कुल संख्या 20,131 है। इसमें से 18,921 (94 फीसदी) एक लाख रुपए से कम निवेश वाले छोटे निवेशक हैं जिनके पास कंपनी के 16.34 फीसदी शेयर हैं। कंपनी अपनी तरफ से इन शेयरधारकों का बराबर ख्याल रखती है। उसका लाभांश यील्ड 5.17 फीसदी है जिसे काफी अच्छा माना जाएगा।

2 Comments

  1. Namaste Anil ji,

    Bohot bohot dhanyawaad Balmer Lawrie ke bare likhne ke liye.

    Aapka subhchintak,
    Abhijeet Mitra.

  2. sirji, me aap ka hamesa sukra gujar hu, or aap ki waja se aaj mere pass ache shr he or strong move me he, or me hamesa aone frd ko facebook, me send karta hu, jo nahi mante unko nahi bejta, aap issi tarah likre rahe , ye meri taraf se aap ko dilli dua he, or me chahuga ki aap ko UPPERWALE HAMESA TANDURASTH RAKHE OR AAP HAMESA APNI FAMILY KE SATH KHUS RAHE, AAMIN.

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