पल में तोला, पल में माशा। रिटेल सेक्टर के जो शेयर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के बाद बल्ले-बल्ले उछल रहे थे, वे इस फैसले को ठंडे बस्ते में डालने की अपुष्ट खबरों के आते ही धड़ाम-धड़ाम गिर गए। आज पैंटालून रिटेल 12.86 फीसदी, कूटोंस रिटेल 6.49 फीसदी और ट्रेंट 3.28 फीसदी गिर गए। शॉपर्स स्टॉप भी एनएसई में दिन के दौरान 9.35 फीसदी गिरने के बाद संभला और आखिर में 4.72 फीसदी के साथ बंद हुआ।
मैंने पहले ही आपको चेताया कि रिटेल को लेकर बहुत चहकने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें शुरू से ही जबरदस्त राजनीतिक जोखिम का अंदेशा था। शुक्र की बात है कि रिटेल सेक्टर का कोई भी प्रतिनिधित्व सेंसेक्स या निफ्टी में नहीं है। अन्यथा, आज बाजार को तगड़ा सदमा लगा होता। वैसे, ये मसला तो संगठित या मॉडर्न रिटेल तक सीमित है, लेकिन कितनी अजीब बात है कि 45,000 करोड़ डॉलर (22.5 लाख करोड़ रुपए) के उस रिटेल उद्योग का हमारे मुख्य शेयर सूचकांकों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है जो देश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देनेवाला क्षेत्र है।
बाजार में तेजी का पैटर्न बनता हुआ दिख रहा है। अभी थोड़ा ऊपर जाने की गुंजाइश भी बची हुई लगती है। असल में जब भी बाजार प्रतिरोध का बड़ा स्तर पर पार करता है जैसे इस बार 5000 का स्तर उसने तोड़ा है, तब हमेशा ऐसा होता ही है। लेकिन आज की हालत में निफ्टी के 5400 तक पहुंचने की बात ज्यादा ही लंबी फेंकने जैसी बात जाएगी। हालांकि इसमें 5900 का मेरा लक्ष्य बदस्तूर कायम है। लेकिन यह अभी का नहीं, मार्च तक का लक्ष्य है। हां, भारतीय बाजार पर वोलैटिलिटी के रूप में दमे का जो रोग लगा हुआ है, वह हाल-फिलहाल ठीक होता नहीं दिख रहा।
आज बाजार बहुत ज्यादा बढ़ता तो 5110 तक जा सकता था। ऐसे में बहुत जोखिम उठाना ठीक नहीं था। वैसे भी निफ्टी आज लगभग सपाट ही रहा। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास ऊपर में 5055.40 तक जाने के बाद मामूली गिरावट के साथ 5043.55 पर बंद हुआ है। कल मंगलवार को मोहर्रम के मौके पर बाजार बंद है। अगर यूरोप, अमेरिका और एशिया के बाजारों में आज और कल कुछ गड़बड़ हुई तो बुधवार को हमारा बाजार कमजोरी के साथ खुल सकता है।
लेकिन यह भी ध्यान रखें कि हम 4700 से 5050 तक जा पहुंचे हैं। अब हम 5120 पर भी पहुंच जाएं तो कोई खास फर्क नहीं पड़ता। इसलिए हमें जबरस्ती का जोखिम नहीं लेना चाहिए और फिलहाल लांग सौदों से बचना चाहिए। हां, एस्कोर्ट्स, हिंडाल्को, एसबीआई और पिपावाव डिफेंस जैसे चुनिंदा स्टॉक्स में अब भी लांग रहा जा सकता है।
हर इंसान का यह अक्षुण्ण अधिकार है कि उसे अपनी संपूर्ण संभावनाओं के विकास का पूरा-पूरा मौका मिले।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)
