बाजार में भारी-भरकम शॉर्ट सौदों की भरमार है। लेकिन बाजार का मूल रुझान अब भी नहीं बदला और वह अब भी तेजड़ियों के हाथ में है। कल की तीखी गिरावट यकीनन अचानक सन्न रह जाने की प्रतिक्रिया थी। ठीक एक्सपायरी के पहले ऐसे झटके की उम्मीद कहीं से भी नहीं थी।
वैसे, बाजार को जैसे करेक्शन की दरकार थी, यह उस कड़ी का आखिरी करेक्शन था। अब सितंबर में ब्याज दर में किसी वृद्धि की उम्मीद नहीं है। इसलिए मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के ठहरने से पहले बाजार के उठने का रास्ता साफ हो गया है। सेंसेक्स आज 85.97 अंकों की गिरावट के साथ 18,432.25 पर बंद हुआ है।
हमने बाजार से यह रणनीति सीखी है कि हर गिरावट या डुबकी पर खरीदो। बहुत से एफआईआई ने भी इस आधार पर खरीद के ऑर्डर देने शुरू कर दिए हैं। इसलिए आगे काफी खरीद होनी है। यह भी नोट करने की बात है कि गिरावट केवल निफ्टी में आई है और स्टॉक्स में व्यापक स्तर पर ऐसा करेक्शन नहीं आया है। इसकी सीधी-सरल वजह यह है कि एचएनआई, ट्रेडर व कुछ देशी फंड निफ्टी में शॉर्ट सौदे करके फंस गए हैं। वे इसके 5650 के ऊपर पहुंचते ही शॉर्ट सौदों की कवरिंग में लग जाएंगे।
आज प्री-ओपन सत्र में में निफ्टी 0.25 फीसदी की बढ़त लिए हुआ था। लेकिन 9.30 बजे से मुख्य सत्र शुरू होते ही वह गोता लगाने लगा। कारोबार के अंत में 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 5546.80 पर बंद हुआ। लेकिन मेरा मानना है कि कल निश्चित तौर पर सेटलमेंट के आखिरी दिन यह 5650 के ऊपर बंद होगा।
लोग अक्सर बड़े स्वार्थी व आत्मकेंद्रित होते हैं। उन्हें माफ कर देना चाहिए। अगर आप दयालु हैं तब भी लोग इसके पीछे कोई न कोई स्वार्थ खोजने की कोशिश करते हैं। उन्हें भी माफ कर देना चाहिए।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)