अगले तीन दिनों पर सारा दारोमदार

मैंने आपसे कहा था कि मंदड़ियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और आप खुद देख रहे हैं कि सेटलमेंट की समाप्ति के ठीक पहले तेजड़ियों ने मंदड़ियों को कैसा धर दबोचा है। बाजार के एक बड़े उस्ताद एसबी (शरद बोबदा) के बारे में सुना गया है कि आज उन्होंने सबसे पहले निफ्टी में शॉर्ट सौदे काटे। दूसरों का अभी उनके पीछे चलना बाकी है। 5530 पर प्रतिरोघ का बहुत तगड़ा स्तर था। लेकिन निफ्टी इसे तोड़कर 5552.65 तक चला गया। आखिर में बंद हुआ 5526.60 पर। यह बाजार के रुझान के पलटने का प्रमाण है। जब तक शॉर्ट सौदे पूरी तरह काट नहीं लिए जाते, तब तक तेजड़िये बाजार को 5650 की तरफ खींचते रहेंगे।

कच्चे तेल का गिरना और उसके बाद के घटनाक्रमों की विशेष अहमियत है, खासकर तब, जब कुछ मंदड़िये खुलकर कह रहे हैं कि अब निफ्टी का 5500 तक जाना असंभव है। नोट करने की बात यह है कि इन्हीं में से एक मंदड़िये ने 2008 में भी ऐसी ही बात कही थी कि सेंसेक्स का 11,000 पर जाना एकदम असंभव है और आप जानते ही हैं कि सेंसेक्स 21,000 तक चला गया था।

पूंजी बाजार में कुछ भी असंभव नहीं है। स्थितियां 5300 के स्तर पर काफी मुश्किल थीं और मंदड़ियों ने 5200 तक शॉर्ट करते हुए मौज करने की कोशिश की। लेकिन अब साफ हो गया है कि उनका क्या हश्र होने वाला है। सेटलमेंट की समाप्ति में केवल तीन दिन बचे हैं और मेरा मानना है कि अब बाजार और बढ़ेगा ही, नीचे नहीं आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर ट्रेडरों ने 5330 के आसपास ने नए शॉर्ट सौदे किए हैं। कल बाजार के खुलने में बड़ा अंतर मंदड़ियों को इतिहास दोहराने को मजबूर कर देगा। हमने पिछले तीन दिनों में 900 अंकों की बढ़त देखी है। अगर अगले तीन दिनों में 300-400 अंकों की बढ़त और हो जाती है तो जून 2011 भी अगस्त 2010 की तरह ऐतिहासिक महीना हो जाएगा जब हमने 1800 अंकों की तेजी देखी थी।

निफ्टी का 5500 पर होना मेरे लिए हमेशा तसल्ली का स्तर रहा है। इसका गिरकर 5300 तक जाना थोड़ा तकलीफदेह था। फिर भी बाजार ने मुझे गलत साबित कर दिया और मॉरीशस संधि की समीक्षा के हल्ले ने इसे 5180 तक पहुंचा दिया। खैर, मैने तब भी कहा था कि यह तात्कालिक प्रतिक्रिया है और इसका असर कायम नहीं रहेगा। अगले हफ्ते कच्चे तेल के दाम 6 डॉलर घट गए और बाजार उफान पर आ गया। हमने तीन महीने पर मार्च में ही कह दिया था कि कच्चा तेल 88 डॉलर प्रति बैरल पर आएगा, जबकि सीएलएसए ने जून में आकर 80 डॉलर का लक्ष्य साधा है।

बाजार में अच्छी-खासी बढ़त की पूरी गुंजाइश है क्योंकि सेंसेक्स के वजनी स्टॉक अब भी दबे पड़े हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), इनफोसिस, बीएचईएल, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और लार्सन एंड टुब्रो में 5 से 10 फीसदी बढ़त की संभावना है। यह निफ्टी को 5700 के पार ले जा सकता है। अगर बाजार इस सेटलमेंट में निफ्टी के 5700 के स्तर पर जाकर टिकता है तो हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि उसका राहुकाल अब बीत चुका है। इसलिए अगले तीन दिनों को मैं बहुत आशा व संजीदगी के साथ देखूंगा। कुछ पंटरों ने बड़े पैमाने पर 5700 के कॉल ऑप्शन बेच रखे हैं। इसका मतलब हुआ है कि निफ्टी के 5700 के पार जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

मैं नकार में नहीं जीता। मैं तो बस सच्चाई को चुन-चुनकर स्वीकार करने में यकीन रखता हूं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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