यूं तो कल का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन अगर सारे कारक आपकी नजर में हैं और उनके बीच के समीकरण की समझ आपको है तो आप बाजार की अगली दिशा का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। ज्योतिष और बाजार में यही फर्क है। लेकिन कुछ कारक भी नजर से ओझल रह गए तो अनुमान का गलत होना तय है। इस लिहाज से गोल्डमैन सैक्स की घटना के असर का जो भी आकलन हमने किया था, आज वह सही निकला। सेंसेक्स में 200-250 और दोपहर 12 बजे तक 300 अंकों की गिरावट आई। उसके बाद इसमें सुधार हुआ और बाजार बंद होते सम गिरावट 190.50 अंक की रह गई। हमारा ऐसा ही अनुमान आरडीबी इंडस्ट्रीज में मुनाफे का सबब बन गया है।
हमने 6 अप्रैल को जब आरडीबी इंडस्ट्रीज में खरीद की सिफारिश की थी तब यह शेयर 120 के आसपास था। आज यह 150.70 पर जा पहुंचा। यानी दो हफ्ते से भी कम समय में 26 फीसदी की वृद्धि। वैसे, शेयरों में निवेश जोखिम भरा होता है। हो सकता है कि आरडीबी का शेयर गिर भी गया होता। लेकिन दोस्तों, अर्थकाम जब किसी शेयर को खरीदने की सिफारिश करता है तो मूलतः दो बातों को ध्यान में रखता है। एक, उसमें आगे की क्या आहटें बाजार में चल रही हैं क्योंकि अंदर बातें रिस-रिस कर बाजार में आ ही जाती हैं। यह इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं है, बल्कि अपुष्ट सूचनाओं के आधार पर बन रही संभावनाओं पर लगाया गया दांव है।
दो, हम कंपनी के मूलभूत पक्षों की परख करते हैं। अगर वह इस आधार पर मजबूत है तभी उसका जिक्र भी करते हैं। आज आरडीबी इंडस्ट्रीज की तरफ से आधिकारिक घोषणा हो गई कि उसके रीयल्टी व कंस्ट्रक्शन हिस्से को अलग किया जाएगा और उसे आरडीबी रीयल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर का नाम दिया जाएगा। डिमर्जर की इस योजना को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को जारी आदेश में मंजूरी दे दी है। आरडीबी इंडस्ट्रीज के हर शेयरधारक को नई कंपनी के शेयर एक पर एक के अनुपात में दिए जाएंगे। ऐसी ही कुछ खबरों के आधार पर हमने अनुमान लगाया था कि आरडीबी इंडस्ट्रीज इस साल का जैकपॉट बन सकती है।