निर्यात की संदेहास्पद बढ़त जारी है। करीब तीन हफ्ते पहले हमारे वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने जो बताया था, आखिरकार आंकड़े उसकी तस्दीक करते हैं। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2011 में भारत का निर्यात 24.82 अरब डॉलर रहा है। यह सितंबर 2010 में हुए 18.20 अरब डॉलर के निर्यात से 36.36 फीसदी ज्यादा है। रुपए में यह वृद्धि 41.01 फीसदी निकलती है।
लेकिन सरकार ने इस बात का अभी तक साफ जवाब नहीं दिया है कि अमेरिका और यूरोप में मंदी के बावजूद भारतीय निर्यात इस तरह पेंग मारकर कैसे बढ़ता जा रहा है। अप्रैल-सितंबर की छमाही की बात करें तो देश का निर्यात 52 फीसदी बढ़कर 160 अरब डॉलर का रहा जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 105.2 अरब डॉलर का था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इंजीनियरिंग क्षेत्र में 103 फीसदी, पेट्रोलियम व ऑयल लुब्रिकेंट में 53 फीसदी, रत्न व आभूषण में 23 फीसदी, सिलेसिलाए कपड़ों में 32 फीसदी और समुद्री उत्पादों के निर्यात में 48 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि सितंबर में देश का आयात भी 17.2 फीसदी बढ़कर 34.5 अरब डॉलर रहा जिससे व्यापार घाटा 9.7 अरब डॉलर का हो गया। हालांकि सितंबर में निर्यात की वृद्धि दर अगस्त के मुकाबले कम है, लेकिन अमेरिका और यूरोप में ऋण संकट को देखते हुए इसे जबरदस्त कहा जा सकता है। अगस्त में निर्यात वृद्धि दर 44.2 फीसदी थी। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात 290 से 300 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।
सितम्बर 2011 के दौरान तेल का आयात 9.21 अरब डॉलर का रहा, जो सितम्बर 2010 के 8.31 अरब डॉलर के आयात के मुकाबले 14.62 फीसदी अधिक है। अप्रैल से सितम्बर 2011 के दौरान कुल 70.35 अरब डॉलर का तेल आयात हुआ, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 49.40 अरब डॉलर के आयात से 42.39 प्रतिशत फीसदी है।