इस साल जनवरी से जून तक के छह महीनों के दौरान कुल 117 सरकारी वेबसाइटें हैक कर विकृत कर दी गईं। यह जानकारी संचार व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि प्रभावित संगठनों व विभागों से हमले की प्रकृति व तरीके किस्म और हैकर द्वारा इस्तेमाल की गई कमजोरियों का विश्लेषण करने को कहा गया। उनसे हैक की गई वेबसाइटों का वेब सर्वर लॉग भी मांगा गया।
विश्लेषण के आधार पर संगठनों को वेबसाइटों की सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए विशिष्ट कदम उठाने की सलाह दी गई। इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने प्रभावित संगठनों को हैकिंग रोकने के उपायों सहित विश्लेषात्मक रिपोर्ट दी गई है ताकि वे अपनी कमजोरियों को दूर कर सकें। एक अन्य सवाल के जवाब में पायलट ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की वेबसाइट हैक नहीं की गई थी और इसलिए इस संबंध में कोई जांच नहीं की गई है। यह वेबसाइट तात्कालिक तौर पर निष्क्रय कर दी गई है।
सरकार ने अपने वेब तंत्र को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ खास उपाय भी किए हैं। तय हुआ है कि सभी नई सरकारी वेबसाइटों और एप्लीकेशंस को उपलब्ध कराने से पहले साइबर सुरक्षा की दृष्टि से उनका परीक्षण किया जाएगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) ने ऐसी वेबसाइटें उपलब्ध नहीं कराने का निर्देश दिया है, जिनका साइबर सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षण नहीं किया जाता है।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के सभी मंत्रालय व विभाग साइबर हमलों और साइबर आतंकवाद का सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन योजना पर अमल कर रहे हैं। सीईआरटी-इन नवीनतम साइबर खतरों से संबंधित चेतावनी व सलाह और उनसे बचने के पाय नियमित रूप से जारी करता है।