बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के पैटर्न को पकड़ने से साफ हो जाता है कि भावों का कौन-सा दायरा है जहां वे खरीद सकते हैं या किन भावों पर वे बिकवाली कर सकते हैं। वे कभी घबराहट में सौदे नहीं करते। एक तरह की लयताल उनकी खरीद-फरोख्त में रहती है। वे जहां प्रवेश/निकास करते हैं, वहां से भाव दिशा बदलते हैं तो उनकी दिशा पकड़ने से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। अब चलाते हैं बुधवार की बुद्धि…
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