मैं अपने घर के चारों तरफ ऊंची-ऊंची बाड़ नहीं लगाना चाहता। न ही मैं अपने खिड़की-दरवाजे बंद रखना चाहता हूं। मैं तो दुनिया भर की हवाओं, संस्कृतियों को अपने घर से बेरोकटोक बहने देना चाहता हूं। लेकिन मैं इन हवाओं को अपने पैर ज़मीन से उखाड़ने की इजाजत नहीं दे सकता: महात्मा गांधी
2010-04-02