स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रास्ट्रक्चर्स पर आज सुबह-सुबह ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग गया। कल बीएसई में यह शेयर बंद हुआ था 16.53 रुपए पर। आज जैसे ही बढ़कर 17.35 रुपए पर पहुंचा तो चूंकि यह बढ़त 4.96 फीसदी है, इसलिए फौरन 5 फीसदी का सर्किट ब्रेकर लग गया। इसमें करीब 3000 शेयरों के सौदे हुए। यह कोई करोड़ों-अरबों कमानेवाली कंपनी नहीं है। न ही इसने हाल-फिलहाल कोई करिश्मा दिखाया है। फिर भी इसके शेयरों में यह आग क्यों? असल में इसका विलय अपने ही समूह की कंपनी सैब इंडस्ट्रीज (पुराना नाम एसए बिल्डर्स लिमिटेड) में होनेवाला है। बाजार में चर्चा है कि अगर इस विलय को मंजूरी मिल जाती है तो स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा का शेयर 10 से 20 गुना (1000 से 2000 फीसदी) बढ़ सकता है।
फायदा बड़ा हो सकता है तो नियम कहता है कि जोखिम भी उतना ही बड़ा होगा। इसलिए जरा संभल कर। पहले कंपनी को ठोंक-बजाकर देख लीजिए। फिर निवेश का फैसला कीजिए। वैसे भी आज अगर 10 रुपए अंकित मूल्य का कोई शेयर 17.35 रुपए में मिले तो सस्ता ही है न। कंपनी ने वित्त वर्ष 2008-09 में 5.25 करोड़ रुपए की आय पर 58 लाख रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसकी ईपीएस (प्रति शेयर कमाई) मात्र 67 पैसे थी। अभी दिसंबर 2009 में खत्म तिमाही में उसने केवल 64 लाख रुपए के राजस्व पर 11 लाख का शुद्ध लाभ कमाया है।
रीयल्टी व इंफ्रा क्षेत्र की इस कंपनी के चेयरमैन आर के गर्ग हैं और संजय गर्ग उसके कार्यकारी निदेशक हैं। कंपनी का डिविडेंड या बोनस शेयर देने का अभी तक कोई इतिहास नहीं है। यह पंजाब में मोहाली की कंपनी है और समूह का मुख्यालय चंडीगढ़ में है। समूह को हिमाचल सरकार से भी काफी ठेके मिलते रहते हैं।