“हम उस दौर में रह रहे हैं जहां समय भी पूंजी है और कोई भी जीवन की दौड़ में किसी से पीछे रहने को तैयार नहीं हैं। लेकिन इस भागमभाग में समय को नाथना जरूरी है। उसका नियोजन जरूरी है। नहीं तो समय बड़ी बेरहमी से हमें कुचलता हुआ आगे निकल जाता है।”
2010-03-31
“हम उस दौर में रह रहे हैं जहां समय भी पूंजी है और कोई भी जीवन की दौड़ में किसी से पीछे रहने को तैयार नहीं हैं। लेकिन इस भागमभाग में समय को नाथना जरूरी है। उसका नियोजन जरूरी है। नहीं तो समय बड़ी बेरहमी से हमें कुचलता हुआ आगे निकल जाता है।”
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