टिप्स का धंधा कैसा दागदार हो गया है, इसकी मिसाल देश के सबसे बड़े अंग्रेजी बिजनेस अखबार ने पेश कर दी है। सोमवार को पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी ने बासमती चावल निर्यात करनेवाली कंपनी केआरबीएल लिमिटेड के शेयरों की खरीद-फरोख्त में धांधली को लेकर किसी जिग्नेश शाह नाम के शख्स पर 2.5 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया और अगले ही दिन, मंगलवार को इस अखबार ने केआरबीएल में खरीद की सलाह दे डाली। हालांकि यह टिप्स एक ब्रोकर हाउस के माध्यम से दी गई है और अखबार ने डिस्क्लेमर लगाया है कि इस सलाह से उसका कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अखबार में उसे इतनी प्रमुख जगह दी गई है कि किसी का ध्यान उस पर चला जाएगा। समस्या यह भी है कि इसी कंपनी से जुड़े सेबी के आदेश को अखबार के किसी कोने में भी जगह नहीं दी गई है।
केआरबीएल के बारे में अखबार की सलाह में कहा गया है कि इसका शेयर 25.50 रुपए के मौजूदा स्तर से 34 रुपए तक जा सकता है क्योंकि यह देश की सबसे बड़ी बासमती चावल निर्यातक कंपनी है और इसकी ब्रांड वैल्यू है। लेकिन कहीं तो एक लाइन लगा दी होती है कि सेबी ने किस मामले में इसका नाम लेकर कोई आदेश जारी किया है। जाहिर है कि जिस भी ब्रोकर ने यह टिप्स दी है, उसने पूरी जानकारी रहते हुए अखबार के मंच का इस्तेमाल किया है। वैसे यह शेयर बीएसई में गिरकर 25.10 रुपए तक चला गया था।
मामला असल में यह था कि 27 जुलाई 2003 से 31 दिसंबर 2003 के दौरान केआरबीएल के शेयरों में जबरदस्त धांधली हुई। इस दौरान 112 ब्रोकरों ने कंपनी के 55,09,968 शेयर (51.32 फीसदी इक्विटी) पहले तो खरीदें और फिर इनमें से 54,31,949 (50.59 फीसदी इक्विटी) शेयर बेच डाले। इस धांधली में जिग्नेश शाह भी शामिल थे, जिन पर सेबी ने जुर्माना लगाया है। हो सकता है कि कंपनी और उसके प्रबंधन का शेयरों की इस ट्रेडिंग से कोई लेना-देना न हो। लेकिन जिस कंपनी में इस तरह की धांधली हो चुकी हो, उसमें अनजान आम निवेशकों को पैसा लगाने की सलाह देना कहीं से भी जिम्मेदारी का काम नहीं कहा जा सकता।
हां, एक बात और बता दें कि सेबी के आदेश में आए जिग्नेश शाह का कोई वास्ता फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज समूह के चेयरमैन से नहीं है। दोनों अलग-अलग लोग हैं। फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज एमसीएक्स से लेकर एमसीएक्स एसएक्स की प्रवर्तक है। कंपनी का कहना है कि वह भ्रम को फैलने से रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों के सामने भी अपना पक्ष रखेगी।
इस अख़बार का नाम ले लेंगे तो क्या आप पर मुक़दमा ठोका जा सकता है?