सुबह हमने चलते-चलते बताया था कि विमल ऑयल एंड फूड्स में तेजी के आसार हैं और वाकई यह शेयर बीएसई में एक ही दिन में 11.63 फीसदी की बढ़त के साथ 44.65 रुपए पर पहुंच गया। ऊपर में यह 45 तक गया था और फिर इसमें थोड़ी कमी आई है। हालांकि बढ़त 10 फीसदी के ऊपर बरकरार है। अनुमान है कि यह शेयर जल्दी ही 48 रुपए तक जा सकता है। वैसे, मेहसाणा (गुजरात) की यह कंपनी कोई लदर-बदर कंपनी नहीं है। विमल व लिपि ब्रांड नाम से अपने खाद्य तेल बेचती है और इन ब्रांडों की अपनी साख है। कंपनी तरह-तरह के रिफाइंड तेल के साथ ही कॉर्न उत्पाद और मार्जेरीन (मक्खन जैसा खाद्य) भी बनाती है।
कंपनी ने दिसंबर 2009 में खत्म तिमाही में 220 करोड़ रुपए की आय पर 1.99 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी कुल चुकता पूंजी 4,55 करोड़ रुपए है जिसमें पब्लिक की हिस्सेदारी 69.38 फीसदी है, जबकि बाकी 30.62 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है। कंपनी के मुख्य प्रवर्तक और चेयरमैन व प्रबंध निदेशक जयेश पटेल हैं। वैसे यह पूरी कंपनी ही पटेल लोगों की है और गुजरात में कृषि के मामले में पटेल समुदाय का जबरदस्त दबदबा है।
यकीन नहीं आता कि कंपनी की बुक वैल्यू 95.03 रुपए और उसका शेयर 40-45 रुपए पर डोल रहा है। जाहिर है, निवेश के लिहाज से यह अब भी काफी मुफीद शेयर है। कंपनी ने आज ही अपने सालाना नतीजे भी घोषित किए हैं। उसने वित्त वर्ष 2009-10 में 731.53 करोड़ रुपए की आय पर 6.17 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी आय 620.71 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 3.68 करोड़ रुपए था। इस दौरान कंपनी की प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) 8.09 रुपए से बढ़कर 13.55 रुपए हो गई है। यानी इसका पी/ई अनुपात अभी है 3.5 से भी कम।