वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भरोसा जताया है कि यूलिप के अधिकार क्षेत्र को लेकर पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी और बीमा नियामक संस्था आईआरडीए (इरडा) के बीच उठा विवाद जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने एक निजी बिजनेस चैनल के साथ बातचीत में यह विश्वास व्यक्त किया। वित्त मंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि क्या हो रहा है, मुझे पूरा विश्वास है कि मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।
बता दें कि यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी) पर अधिकार को लेकर सेबी और इरडा में करीब चार महीने से खींचतान मची हुई है। इस विवाद तब खुलकर सामने आ गया जब 9 अप्रैल को सेबी के पूर्णकालिक निदेशक प्रशांत सरन मे 14 जीवन बीमा कंपनियों के खिलाफ आदेश जारी कर उन्हें किसी भी यूलिप प्लान में नया प्रीमियम लेने से रोक दिया। बाद में वित्त मंत्रालय की मध्यस्थता के बाद यह रोक केवल नए यूलिप प्लान तक सीमित कर दिया गया। सेबी का तर्क है कि यूलिप में केवल दो फीसदी राशि बीमा के लिए जाती है और 98 फीसदी राशि म्यूचुअल फंडों के अंदाज में निवेश की जाती है। इसलिए यूलिप में निवेश वाले हिस्से का नियंत्रण सेबी के पास होना चाहिए और इसके लिए हर यूलिप प्लान का पंजीकरण सेबी के पास कराना जरूरी है।
वित्त मंत्रालय की मध्यस्थता करने के बाद तय हुआ है कि दोंनों पक्ष मामले में माकूल कानूनी मंच पर निपटाएंगे। लेकिन अब मतभेद इस बात को लेकर है कि कानून की किस अनुच्छेद के तहत दोंनों कोर्ट की शरण में जाएं। इस दौरान सेबी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है और उसकी मांग है कि बॉम्बे हाईकोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 14 जीवन बीमा कंपनियों व दोनों याचिकाकर्ताओं के साथ ही केंद्र सरकार व इरडा को नोटिस जारी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।