बड़े आश्चर्य की बात है कि पिछले 58 सालों में देश में हर साल रेल नेटवर्क में औसतन 180 रूट किलोमीटर ही जुड़ते रहे हैं। 1950 में कुल रूट किलोमीटर करीब 53,596 था, जो 2008 तक 64,015 किलोमीटर पर पहुंचा है। यह तथ्य खुद रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2010-11 का रेल बजट पेश करते हुए रखा है। नए वित्त वर्ष के लिए ममता बनर्जी ने 1000 रूट किलोमीटर जोड़ने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने न तो मालभाड़े में कोई वृद्धि की है और न ही यात्री किराए में। उल्टे, अनाज और केरोसिन पर मालभाड़ा प्रति वैगन 100 रुपए घटा दिया है। साथ ही एसी किराये पर सर्विस चार्ज घटाकर 20 रुपए और स्लीपर किराए पर सर्विस चार्ज घटाकर 10 रुपए कर दिया है।
नए रेल बजट का पूरा सच तो ममता बनर्जी के भाषण और अन्य दस्तावेज मिलने के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन पहली नजर में यही लगता है कि मंत्री महोदया ने इंफ्रास्ट्रकर को बढ़ाने पर पूरा ध्यान दिया है। नए साल में 80,000 नए वैगन खरीदे जाएंगे। निवेश प्रस्तावों पर तेज फैसले के लिए 100 दिनों के भीतर विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी। निजी क्षेत्र को मालगाड़ियां चलाने की इजाजत दी जाएगी। दस नए ऑटो एंसिलरी हब बनाए जाएंगे। मोडिफाइड वैगन स्कीम शुरू की जाएगी। 5 नई वैगन फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी। रायबरेली कोच फैक्ट्री का काम एक साल में शुरू होगा। यात्रियों को साफ पानी मुहैया कराने के लिए छह बोटलिंग प्लांट लगाए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई 2009 के रेल बजट में जिन 120 नई ट्रेनों को शुरू करने की घोषणा की गई थी, उनमें से मार्च तक 117 शुरू हो जाएंगी। बाकी तीन गेज परिवर्तन की वजह से नहीं शुरू हो पाएंगी। रेल बजट के प्रस्तावों से सीमेंट, स्टील, लौह अयस्क और फर्टिलाइजर उद्योग को खास फायदा होगा। इससे लाभान्वित होनेवाली चुनिंदा कंपनियां हैं – टेक्समैको वैगन, टीटागढ़. भारत अर्थ मूवर्स और कॉनकोर।
ममता बनर्जी ने कुशल राजनीतिज्ञ की तरह स्पष्ट किया कि रेलवे के किसी विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे की किसी परियोजना में जिस किसी की जमीन ली जाएगी, उसके परिवार के एक सदस्य को रेलवे नौकरी देगा। रेलवे की भर्ती परीक्षाएं हिंदी व उर्दू के साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में ली जाएंगी। गौर करने की बात है कि ममता बनर्जी ने अपने अंग्रेजी भाषण में कई बार पैराग्राफ के पैराग्राफ हिंदी में बोले। ऊपर से भले लगे कि ममता ने अवाम को रिझानेवाला बजट पेश किया है। लेकिन उन्होंने उद्योग जगत की जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा है।
उनके कुछ अन्य खास प्रस्ताव हैं – आआईटी, आईआईएम और मेडिकल कॉलेजों में मोबाइल ई टिकटिंग की व्यवस्था, जिला व पंचायत स्तर पर रेलवे के टिकट, यात्री सुविधा के लिए 1300 करोड़ रुपए, गरीब परीक्षार्थियों से कोई फीस नहीं, मुंबई में 101 नई उपनगरीय ट्रेनों की शुरूआत, देश में 381 नए डाइग्नोस्टक सेंटर खोले जाएंगे। ममता ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कह दिया था कि उनके लिए व्यावसायिक व्यवहार्यता से ज्यादा सामाजिक उत्तरदायित्व मायने रखता है। उनका एक वाक्य अंत में – अभी तो शुरुआत है, सफर बहुत लंबा है।