देश में औद्योगिक उत्पादन की दर लगातार छह महीनों से दहाई अंकों में बनी हुई है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2010 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 13.5 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है। पूरे वित्त वर्ष 2009-10 की बात करें तो आईआईपी की वृद्धि दर 10.4 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष 2008-09 में वैश्विक मंदी के कारण यह दर केवल 2.8 फीसदी रह गई थी।
हालांकि मार्च की औद्योगिक वृद्धि दर विशेषज्ञों के अनुमान से थोड़ी कम है। क्रिसिल के अर्थशास्त्री डी के जोशी का अनुमान था कि यह 15 फीसदी रहेगी, जबकि एचडीएफसी बैंक का अनुमान 15.5 फीसदी का था। इससे पहले जनवरी में औद्योगिक विकास की दर 16 फीसदी और फरवरी में 15.1 फीसदी दर्ज की गई थी। मार्च में भी आईआईपी में दहाई अंकों की वृद्धि की एक वजह यह मानी जा रही है कि साल भर पहले का सूचकांक कम था, दूसरे इस बार मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 14.3 फीसदी रही है।