देश के कुल 8 करोड़ 93 लाख 50 हजार किसान परिवारों में से 4 करोड़ 34 लाख 20 हजार परिवार कर्ज के बोझ के नीचे दबे हुए हैं। दूसरे शब्दों में देश के 48.6 फीसदी किसान किसी न किसी रूप में कर्ज लेकर अपना कामकाज चलाते हैं। यह बात राष्ट्रीय सैंपल सर्वे संगठन (एनएसएसओ) के 59वें चक्र की रिपोर्ट नंबर 498 में सामने आई है। किसानों ने जिनसे कर्ज ले रखे है, उनमें बैंकों से लेकर सूदखोर भी शामिल हैं। गैर-संस्थागत स्रोतों से कर्ज लेना ही किसानों की मुसीबत का मुख्य कारण है। इसे कम करने के लिए सरकार ने संस्थागत माध्यमों से कृषि ऋण बढ़ाने के कई उपाय किए हैं। यह कहना है कृषि राज्यमंत्री प्रोफेसर के वी थॉमस का।
संस्थागत स्रोतों से मिले कर्ज में राहत दिलाने के लिए ही सरकार ने किसानों की कर्जमाफी योजना चलाई है। इसके अंतर्गत 3 करोड़ 68 लाख 78 हजार किसानों को कुल 65,318.33 करोड़ रुपए के कर्ज की राहत दी गई है। सरकार ने स्थानीय सूदखोरों के चंगुल में फंसे किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए एक टास्क फोर्स भी बनाई है।