गिलैंडर्स मजबूती से मजबूती की ओर

गिलैंडर्स आर्बुथनॉट का नाम ही बड़ा अटपटा है। यह है तो कोलकाता के जी डी कोठारी समूह की कंपनी। लेकिन इसकी स्थापना एफ एम गिलैंडर्स और जी सी आर्बुथनॉट ने साल 1819 में एक पार्टनरशिप फर्म के रूप में की थी। यह 1935 में प्राइवेट लिमिटेड और 1947 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनी। आजादी के बाद इसका स्वामित्व जी डी कोठारी समूह के पास आ गया। कंपनी चाय के बगानों से लेकर कंसट्रक्शन व रीयल एस्टेट, टेक्सटाइल यार्न, पीवीसी उद्योग के लिए लेड ऑक्साइड व स्टैबलाइजर जैसे रसायन बनाने और पेंट व संबंधित उत्पादों की ट्रेडिंग तक करती है। कंपनी के चेयरमैन अरुण कुमार कोठारी और प्रबंध निदेशक देव किशन शारदा हैं। कंपनी के नौ सदस्यीय निदेशक बोर्ड में पांच स्वतंत्र निदेशक हैं। जाहिर है कंपनी का इतिहास तो पुराना है ही, उसका वर्तमान भी प्रोफेशनल मैनेजमेंट के मानकों पर खरा उतरता है।

कंपनी के शेयर बीएसई व एनएसई दोनों में लिस्टेड हैं। उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू 131.22 रुपए है। पिछली चार तिमाहियों का औसत करें तो उसकी ईपीएस 21.67 रुपए है। शेयर का भाव बीएसई में कल 9.75 फीसदी बढ़कर 173.40 रुपए और एनएसई में 9.07 फीसदी बढ़कर 172.60 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह इसका पी/ई अनुपात अब भी महज 8 है। 10 रुपए अंकित मूल्य के इस शेयर का 52 हफ्ते का न्यूनतम मूल्य 130 रुपए रहा है। जानकारों की सलाह है कि जिनके पास गिलैंडर्स के शेयर हैं, उनको इन्हें होल्ड करके रखना चाहिए और जिनके पास नहीं है, उनको इन्हें खरीद लेना चाहिए क्योंकि निकट भविष्य में इनका भाव 300 रुपए के ऊपर जा सकता है।

मंगलवार को बीएसई में इसके करीब 2.69 लाख शेयरों के सौदे हुए, जबकि एनएसई में 1.79 लाख शेयरों के। फंडामेंटल्स के आधार पर यह कंपनी मजबूती से मजबूती की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। कंपनी ने दिसंबर 2009 में 19.81 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है जबकि पूरे वित्त वर्ष 2008-09 में उसका शुद्ध लाभ
इससे कम 16.56 करोड़ रुपए था। कंपनी की कुल चुकता पूंजी 14.23 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 61.6 फीसदी और पब्लिक की हिस्सेदारी 38.4 फीसदी है। पब्लिक के इस हिस्से में 5.56 फीसदी शेयर तो अकेले एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) के पास हैं। हां, अभी तक इसमें एफआईआई ने कोई निवेश नहीं कर रखा है। इस तरह गिलैंडर्स आर्बुथनॉट की पूरी कुंडली आपके सामने है। निवेश का फैसला आपको अपने विवेक से करना है।

हां, गुजरात के मेहसाणा जिले की एक कंपनी है विमल ऑयल एंड फूड्स। बीएसई में इसका शेयर कल 40 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी का कामकाज अच्छा है। कुछ ऑपरेटरों की मानें तो यह शेयर जल्दी ही 48 रुपए तक जा सकता है।

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