कंपनी विधेयक, 2009 के संसद के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि संसद की अवधि घटा दी गई है, इसलिए इस विधेयक के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कंपनी विधेयक, 2009 करीब 50 साल पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट भाषण में बताया था कि कंपनी विधेयक चालू बजट सत्र में पेश कर दिया जाएगा।
कंपनी मामलों के राज्यमंत्री आर पी एन सिंह ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘हम कंपनी विधेयक पर काम कर रहे हैं पर हम इसे चालू सत्र में पारित नहीं करा पाएंगे क्योंकि संसद की अवधि घटा दी गई है।’’ हालांकि, मंत्री ने भरोसा जताया कि यह विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा।
सिंह ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप में इसे अगले सत्र में पारित करवा पाएंगे।’’ सत्यम कंप्यूटर का हजारों करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद यह विधेयक लाया गया है। इसमें शेयरधारकों को ज्यादा अधिकार और कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों को सख्त करने का प्रावधान है। इस विधेयक में देश में पहली बार क्लास एक्शन सुइट की अवधारणा को शुरू करने का प्रावधान है। इसमें निवेशकों के पास शोषण और कुप्रबंधन के लिए कंपनी के खिलाफ मामला चलाने का मुआवजा पाने का हक होगा।