इंडेक्स के साथ या इंडेक्स के बाद!

आपने भी देखा होगा कि किसी स्टॉक के बजाय लोगों की आम दिलचस्पी इसमें होती है कि बाज़ार कहां जा रहा है। जैसे कोई मिलने पर पूछता है कि क्या हालचाल है, उसी तरह शेयर बाज़ार से वास्ता रखनेवाले छूटते ही पूछ बैठते हैं कि सेंसेक्स या निफ्टी कहां जा रहा है। चूंकि सेंसेक्स में शामिल सभी तीस कंपनियां निफ्टी की पचास कंपनियों में शामिल हैं। इसलिए हाल-फिलहाल बाज़ार कहां जा रहा है, का मतलब होता है कि निफ्टी की अगली दशा-दिशा क्या है। क्या किसी स्टॉक में ट्रेड करनेवाले के लिए यह ज़रूरी है कि निफ्टी, यानी बाज़ार की समग्र दिशा क्या चल रही है?

जो लोग सीधे निफ्टी के डेरिवेटिव्स (ऑप्शंस व फ्यूचर्स) में खेलते हैं, उनके लिए इस सवाल का उत्तर तो हां में है ही। बाकी लोगों के लिए भी इस सवाल का उत्तर है – हां। हम भले ही मुठ्ठी भर स्टॉक्स में ट्रेड करते हों, लेकिन हमें इंडेक्स की दशा-दिशा का भान होना ही चाहिए। एक तो इसकी वजह यह है कि पोर्टफोलियो सिद्धांत के अनुसार कम से कम 40 कंपनियों का समुच्चय बना लें तो हर कंपनी का अकेले का रिस्क खत्म हो जाता है और केवल बाज़ार का समग्र रिस्क बचता है। दूसरी वजह यह है कि धारा के साथ बहने, बाज़ार के साथ ट्रेड करने में जोखिम कम और रिटर्न ज्यादा मिल सकता है।

अधिकांश स्टॉक्स सूचकांकों की दिशा पकड़कर चलते हैं क्योंकि खरीदारों व बेचनेवालों की मानसिकता उसी के हिसाब से चलती है। जैसे, निफ्टी इस वक्त 13 नवंबर के उस स्तर पर पहुंच रहा है जहां से सबसे नजदीकी खरीद शुरू हुई थी। दूसरे शब्दों में निफ्टी 5970 से 5990 के डिमांड ज़ोन में प्रवेश कर रहा है। दूसरा डिमांड ज़ोन 1 अक्टूबर का है जिसकी रेंज 5700 से 5780 की है। वहीं निफ्टी में बिकवाली के ताज़ा दौर का दायरा या सप्लाई ज़ोन 6310 से 6340 का है। अमूमन तमाम स्टॉक निफ्टी के इन्हीं ज़ोन के साथ चलते हैं। लेकिन एनएसई में ट्रेड होनेवाले हज़ार से ज्यादा स्टॉक्स निफ्टी की दिशा में चलें, यह कतई ज़रूरी नहीं। जैसे, शुक्रवार को निफ्टी 0.06 फीसदी गिरा है, जबकि ट्रेड हुए 1028 स्टॉक्स में से 420 बढ़े हैं, 552 घटे हैं और 56 का भाव अपरिवर्तित रहा है।

हमारा लक्ष्य न्यूनतम रिस्क में अधिकतम फायदा कमाना है। इस लिहाज़ से सबसे सुरक्षित तरीका होता है बाज़ार या निफ्टी की दिशा में ट्रेड करना। अगर सूचकांक डिमांड या सप्लाई ज़ोन से दिशा बदलता है तो यह स्टॉक्स के लिए दिशा बदलने का कारण बन सकता है। असल में ये ज़ोन उस स्तर को रेखांकित करते हैं जहां पर प्रोफेशनल ट्रेडरों की सक्रियता शुरू होती है। हम उनके जैसी गहन-गंभीर रिसर्च नहीं कर सकते और न ही हमारे पास उतना व्यापक इफ्रास्ट्रक्चर हो पाता है। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेडरों के साथ चलने में उसी तरह फायदा है, जैसे पहले अपने यहां कहा जाता रहा है कि महाजनो येन गतो स पंथाः।

सबसे बड़ी चुनौती या गुत्थी यही है कि भावों को देखते हुए प्रोफेशनल ट्रेडरों या संस्थाओं की भावी हरकत को कैसे लोकेट किया जाए। भावों की गति के अलावा और कोई तरीका हमारे पास इसका पता लगाने का नहीं है क्योंकि संस्थाओं के फैसले बड़े गोपनीय होते हैं। अगर कोई इन्हें जानने का दावा करता है तो यकीन मानिए कि वो सौ फीसदी झूठ बोल रहा है। कई ब्रोकर आपको मिल जाएंगे जो बताएंगे कि राकेश झुनझुवाला या एफआईआई कल क्या खरीदने जा रहे हैं, वे इन्हें कुछ दिन पहले ही बता देते हैं। यह सफेद झूठ है क्योंकि इस धंधे में बिना स्वार्थ के कोई किसी को कम से कम अपने फैसलों की जानकारी नहीं देता।

डिमांड और सप्लाई ज़ोन को फिर कभी कायदे से समझेंगे। अभी तो यह समझ लीजिए कि किसी खास स्टॉक में ट्रेड करते हुए अगर हम निफ्टी और उस सेक्टर के इंडेक्स को ध्यान में रखें तो हम ज्यादा सुरक्षित फैसला कर पाएंगे। हमेशा ध्यान रखिए कि हम ट्रेडिंग करते वक्त कम रिस्क, ज्यादा फायदा और अधिक प्रायिकता वाले सौदों की तलाश में रहते हैं। इसलिए बाज़ार के साथ चलने की रणनीति है।

जिन स्टॉक्स का स्वभाव बाज़ार की दिशा में चलने का होता है, वे अक्सर निफ्टी से तेज़ गति से बढ़ते या गिरते हैं। मान लीजिए कि कोई स्टॉक बाज़ार के साथ नहीं चलता तो उसे हाथ लगाने की ज़रूरत नहीं। ऐसे स्टॉक में ज्यादा रिस्क उठाने की क्या ज़रूरत है। पचासों जानकारियों में उलझकर मगजमारी करने की कोई ज़रूरत नहीं होती। यह काम एनालिस्टों पर छोड़ दीजिए। हमें तो ट्रेडिंग से धन कमाना है, कोई अनुसंधान तो करना नहीं है।

कोई स्टॉक बाज़ार की दिशा के साथ किस हद तक जुड़ा है, इसका पता उसके बीटा से चलता है। अगर उसका बीटा एक है तो इसका मतलब होता कि वो सूचकांकों से साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है। अगर एक से ज्यादा है तो मतलब वो ज्यादा ही उछलता है। जैसे, इनफोसिस का बीटा इस वक्त 1.75 है। बीटा अगर एक से कम है तो समझिए कि वो रिटार्डेड टाइप का है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में किसी स्टॉक्स का बीटा बराबर दिया जाता है। इसकी तस्दीक आप याहू फाइनेंस की साइट पर कर सकते हैं। अपने यहां अभी इसका चलन काफी कमज़ोर है। यकीनन यह स्थिति आम निवेशकों/ट्रेडरों की भागीदारी बढ़ने के साथ बढ़ती जाएगी।

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