महज 300 अंकों की मोटामोटी गिरावट ने ट्रेडरों की पैंट ढीली कर दी क्योंकि उन्हें ऑपरेटरों की पकड़वाले चंचल स्टॉक्स में अंदाज़ से कहीं ज्यादा मार्क टू मार्केट ढीला करना पड़ा। ऐसा होना ही था। ट्रेडर अब बैलेंसशीट के लिहाज से वापस निफ्टी के 5000 या 4700 वाले स्तर पर जा पहुंचे हैं। ऐसा एकदम योजनाबद्ध तरीके से किया गया है।
हम इस दौरान बराबर चौकन्ने रहे क्योंकि 5400 के ऊपर की रैली पूरी तरह जोड़तोड़ का नतीजा थी। सेंसेक्स जब 15,500 पर था, तब एफआईआई ब्रोकिंग हाउस ने 11,000 का लक्ष्य दिया था। उसी ब्रोकिंग हाउस ने सेंसेक्स जब 18,500 पर आ गया, तब उसमें 20,800 का लक्ष्य दे दिया। लेकिन 15,500 पर जहां वे लोग खरीदार थे, वहीं 18,500 वे बिकवाली करने लग गए। वाह इंडिया वाह!
आखिर हमारे रिटेल निवेशक और ट्रेडर कितनी परीक्षा देंगे और निवेशकों व ट्रेडरों के हितों की रक्षा का दम भरनेवाले हमारे नियामक कहां जाकर सो गए हैं? जाहिरा तौर पर फिजिकल सेटलमेंट का अभाव हमेशा बाजार के उस्तादों को हर सेटलमेंट में शेयरों के मूल्य को जमकर झुलाने का मौका देता है। इससे एक ऐसा कृत्रिम बाज़ार पैदा होता है जिसमें हमेशा ट्रेडरों व निवेशकों को अपनी रक्षा खुद करनी पड़ती है।
पूरे देश में हम्हीं लोग थे जो आपको एसबीआई को 1550 और 1600 रुपए पर 2400 रुपए के लक्ष्य के साथ खरीदने की सलाह दे रहे थे। और, यह लक्ष्य हासिल हो चुका है। एसबीआई और टाटा मोटर्स को जब डाउनग्रेड किया गया था, तब भी वह पूरी तरह यकीन करने लायक नहीं था। लेकिन उन्हें तथ्य ही नहीं, सच की तरह पेश किया गया।
निफ्टी आज दिन में ढाई बजे के आसपास बढ़कर 5537.40 तक चला गया। लेकिन अंत में 0.40 फीसदी गिरकर 5483.30 पर बंद हुआ। वैसे नए सेटलमेंट में निफ्टी का मार्च फ्यूचर्स अभी 5537.40 पर है। इस समय बाजार के और गिरने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। फिर भी मेरा मानना है कि यहां से रुझान पलटने नहीं जा रहा है। रुझान निफ्टी के 5274 पर पहुंचने पर पलटेगा। वहां तक पहुंचने में अभी 200 अंकों से ज्यादा का अंतर है। इसलिए अगर आप उचित हिसाब-किताब और स्टॉप लॉस के बिना लांग हुए पड़े हैं तो आपको कस दिया जाएगा। यही बात शॉर्ट करनेवालों पर भी लागू होती है।
अर्थव्यवस्था के मूलभूत पहलू तो वही है जो निफ्टी के 4650 के स्तर थे। ज्यादा आसार इसी बात के हैं कि बजट जबरदस्त निराशा देकर जाएगा। दिल्ली के एक सूत्र के मुताबिक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की जोड़ी उत्तर प्रदेश के चुनावों में हार सकती है। इससे बाजार को एक और बड़ा झटका लगेगा। लेकिन बाजार को सारे झटके बजट के बाद लगने चाहिए। चूंकि एक ही गिरावट में हर कोई फटाफट शॉर्ट हो गया है। इसलिए मेरा मानना है कि आज के रोलओवर के बाद बजट तक बाजार बढ़ेगा और निफ्टी 5840 तक भी जा सकता है।
आफ्टेक, ऑर्किड केमिकल्स, अबन ऑफशोर, एचपीसीएल, बीपीसीएल, जयप्रकाश एसोसिएट्स, बॉम्बे डाईंग को बढ़ने की धारणा के साथ खरीदते रहें। यह सभी समाचारों पर टिके स्टॉक्स हैं। इसलिए माकूल खबर आते ही बढ़ जाएंगे। दूसरी तरफ अपने लांग सौदों को बचाने के लिए आप जेएसडब्ल्यू, जिंदल स्टील, टाटा स्टील, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज़, वीआईपी इंडस्ट्रीज व वोल्टास वगैरह में शॉर्ट रह सकते हैं। हमारी मानें तो किसी भी एक तरफ ज्यादा न झुकें।
अबन ऑफशोर अपने दो रिग रिलायंस इंडस्ट्रीज को दे रही है। इससे अबन ऑफशोर के मुनाफे में 140 करोड़ रुपए का इजाफा हो जाएगा जो स्पष्ट तौर पर इसके शेयर को उठा सकता है। पिछले साल कंपनी का शुद्ध लाभ 214 करोड़ रुपए था। इसमें 140 करोड़ जोड़ने का मतलब कि यह इस बार लगभग 350 करोड़ रुपए हो जाएगा। कंपनी की इक्विटी 8 करोड़ रुपए है जो दो रुपए के 4 करोड़ शेयरों में बंटी है तो ईपीएस निकलकर आएगा 85 रुपए के ऊपर। बुक वैल्यू बढ़कर 800 रुपए के ऊपर पहुंच जाएगी। ऊपर से इस स्टॉक में फंसे हुए शॉर्ट सौदे इसे और हवा दे देंगे।
बीपीसीएल और एचपीसीएल पेट्रोल के मूल्य बढ़ाने जा रही हैं। ऑर्किड केमिकल्स के बारे में मैं कल ही बता चुका हूं। आफ्टेक के बारे में भी हमने कल बताया था और कहा कि इसमें हमारा पहला लक्ष्य 15 रुपए का है। आज वो 18 फीसदी और बढ़कर 13.84 रुपए पर पहुंच गया। इसमें आईडीबीआई की बिकवाली और एफसीसीबी की मुसीबत का दौर खत्म हो चुका है। इसमें दिसंबर 2011 तक आईडीबीआई की इक्विटी हिस्सेदारी 3.58 फीसदी रही है। संकट कटने के बाद अब इस स्टॉक का आकर्षण बढ़ गया है।
तथ्यों और सच का अक्सर एक-दूसरे से बहुत कुछ लेना-देना नहीं होता।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)