पिछले तीन महीनों में वीसा स्टील का शेयर 45 रुपए से करीब 15% घटकर 38 रुपए के आसपास आ गया है। 7 अप्रैल 2010 को यह ऊपर में 45.80 और नीचे में 43.70 तक जाने के बाद 44.15 रुपए पर बंद हुआ था। कल 7 जुलाई 2010 को इसका बंद भाव बीएसई में 38.55 और एनएसई में 38.40 रुपए रहा है। सवाल उठता है कि क्या ढलान पर लुढकते इस शेयर से पैसा बनाया सकता है? जानकार कहते हैं – हां, क्योंकि ऑपरेटर इसे यहां से उठाकर ऊपर ले जाने की कोशिश में लगे हैं।
कंपनी फंडामेंटल्स के आधार पर भी ठीकठाक है। उसकी बुक वैल्यू 28.61 रुपए और ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 4.31 रुपए है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 1171.48 करोड़ रुपए की आय पर 47.42 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। वीसा स्टील के चेयरमैन विशंभर सरन हैं जिन्होंने टाटा स्टील में लंबे समय तक काम करने के बाद 1994 में यह कंपनी 10 लाख की पूंजी से शुरू की थी। कंपनी के निदेशक बोर्ड में स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन एम एस वर्मा, स्टील अथॉरिटी (सेल) के पूर्व चेयरमैन व सीईओ अरविंद पांडे और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन व रेलवे बोर्ड के सदस्य रह चुके शांति नारायण जैसे अनुभवी व पहुंच वाले लोग शामिल हैं। कंपनी ने दुनिया के कई देशों में अपना तंत्र फैला रखा है।
कंपनी का स्टील संयंत्र उड़ीसा के कलिंगनगर औद्योगिक क्षेत्र में है। वीसा समूह आइरन ओर से लेकर क्रोम, मैगनीज, फेरो एलॉय व एल्युमीनियम तक में सक्रिय है। वीसा स्टील का आईपीओ मार्च 2006 में आया था और इसमें प्रति शेयर इश्यू मूल्य 57 रुपए रखा गया था। जाहिर है शुरुआती निवेशक शेयर के अब भी इससे 15-10 रुपए नीचे चलने पर दुखी होंगे। लेकिन हम तो निचले स्तर पर निवेश करेंगे।
वैसे भी, हाल-फिलहाल मेटल सेक्टर में शेयरों में बढ़त का अनुमान है। जानकार बताते हैं कि इस समय टाटा स्टील, सेसा, स्टरलाइट, जेएसडब्ल्यू स्टील और इस्पात इंडस्ट्रीज में निवेश काफी आकर्षक रिटर्न दे सकता है। हां, बाजार में चर्चा चली है कि एमफैसिस (Mphasis) खुद को डीलिस्ट कराने जा रही है। बॉम्बे डाईंग अपना पॉलिएस्टर बिजनेस बेचेगी और एजिस में बोनस देने पर विचार चल रहा है।