खाद्य मुद्रास्फीति लगातार तीसरे हफ्ते साल भर पहले की तुलना में बढ़ने के बजाय घट गई है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से हर गुरुवार की तरह इस गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 7 जनवरी 2012 को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 0.42 फीसदी रही। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर इससे पिछले हफ्ते शून्य से नीचे 2.90 फीसदी और उससे पिछले हफ्ते शून्य से नीचे 3.36 फीसदी थी।
साल भर पहले खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 16.18 फीसदी थी। अभी इसके इतना घट जाने की वजह सब्जियों के थोक मूल्य में आई 45.81 फीसदी कमी है। इसमें भी आलू 23.84 फीसदी और प्याज 75.42 फीसदी सस्ता हुआ है। इस दौरान गेहूं के थोक भाव भी 3.57 फीसदी कम हुए हैं। इनके अलावा खाने-पीने की सारी चीजें महंगी हुई हैं। चावल 1.41 फीसदी, अनाज 2.26 फीसदी और दालें 14.27 फीसदी महंगी हो गईं।
अधिक पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों में साल भर पहले की तुलना में फलों के दाम 10.03 फीसदी, दूध के दाम 11.48 फीसदी और अंडा, मांस व मछली के दाम 19.64 फीसदी बढ़ गए हैं। सात जनवरी को समाप्त इसी हफ्ते में प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति कुल मिलाकर 2.47 फीसदी रही जो इससे पहले के हफ्ते में 0.51 फीसदी थी।
थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं का योगदान 20.12 फीसदी है। इसमें खाद्य वस्तुओं का योगदान 14.34 फीसदी है। जानकारों का मानना है कि सकल मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ-साथ खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से रिजर्व बैंक जल्दी ही ब्याज दरों में कटौती के विकल्प पर विचार कर सकता है।