शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग लालच व भय की आदिम भावनाओं का खेल है। इसका नियंत्रण हमारे शरीर मे भीतर ही भीतर रिसने वाला एक हॉर्मोन एड्रेनालाइन करता है। इसे ‘फाइट-ऑर-फ्लाइट हॉर्मोन’ के रूप में भी जाना जाता है। इसका स्राव शरीर में तनावपूर्ण, रोमांचक, खतरनाक या खतरे की स्थिति के जवाब में खुद-ब-खुद होने लगता है। यह प्रकृति की बनाई व्यवस्था है। एड्रेनालाइन हमारे शरीर को अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करने में मदद करता है। असल में एड्रेनालाइन अधिवृक्क ग्रंथियों या एड्रेनल ग्लैंड्स से निकलने वाला एक हॉर्मोन है और इसका प्रमुख काम शरीर को ‘लड़ने या भागने’ के लिए तैयार करना है। यह तब की आदिम व्यवस्था है जब इंसान जंगलों में निरंतर असुरक्षित हालात में रहता था। उसे कभी भी दुश्मन से लड़ना या बचने के लिए मैदान छोड़कर भागना पड़ता था। शेयर बाज़ार के ट्रेडर शांत न रहे तो उन्हें यही हॉर्मोन अपने प्रवाह में बहा ले जाता है। पुरुष इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं, जबकि महिलाएं ज्यादातर संयत रहती हैं। पुरुष मुनाफे या घाटे, दोनों ही स्थितियों में जमकर ट्रेड करते रहते हैं, जबकि महिलाएं कम ट्रेड करती हैं। दुनिया भर के अध्ययन बताते हैं कि कम ट्रेड करने की ही वजह से महिला ट्रेडरों को कम घाटा होता है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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