बहुत दमदार है तमिलनाडु न्यूजप्रिंट

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड का शेयर (बीएसई – 531426, एनएसई – TNPL) साल भर पहले 8 फरवरी 2010 को 83.30 रुपए पर था। अब 4 फरवरी 2011 को 131.70 रुपए पर बंद हुआ है। इस दरमियान यह ऊपर में 163.30 रुपए (28 अक्टूबर 2010) और नीचे में 77.05 रुपए (24 फरवरी 2010) पर जा चुका है। इस तरह इसमें निवेश पर साल भर में 58.1 फीसदी से लेकर 96.03 फीसदी कमाया जा सकता था। इसमें भी किसी ने अगर न्यूनतम भाव पर खरीद कर अधिकतम स्तर पर बेचा होता तो उसका रिटर्न 111.94 फीसदी होता। खैर, यह एक काल्पनिक व आदर्श स्थिति है। लेकिन सोचिए कि क्या बैंक का एफडी कभी भी आपको इतना रिटर्न दे सकता है?

यही है शेयर बाजार में निवेश करके लिस्टेड कंपनियों की समृद्धि में हिस्सेदारी का कमाल। लेकिन सावधानी यही बरतनी चाहिए कि हम ठोस धरातल, अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड और अच्छे भविष्य वाली कंपनियों में निवेश करें। और, यह भी देखें कि उसका शेयर पूरे बाजार की तुलना में सस्ता है या नहीं। तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड इन सारी शर्तों को पूरा करनेवाली कंपनी है।

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स (टीएनपीएल) पूरी दुनिया में गन्ने की खोई से कागज बनाने की सबसे बड़ी कंपनी है। तमिलनाडु सरकार ने इसका गठन 1979 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में किया। नाम के अनुरूप वह न्यूजप्रिंट और प्रिंटिंग व लिखने के कागज बनाती है। उसने 1984 से व्यावसायिक उत्पादन 90,000 टन सालाना की क्षमता के साथ शुरू किया। क्रमबद्ध रूप से वह इसे बढ़ाकर 2.45 लाख टन तक ले गई है। अभी पिछले ही महीने उसने 1.55 लाख टन की क्षमता की नई अत्याधुनिक मशीन लगाई है और इसी के साथ उसकी कुल सालाना उत्पादन क्षमता अब 4 लाख टन हो गई है। कंपनी अपने कागज उत्पादन का लगभग 20 फीसदी हिस्सा दुनिया के 30 से ज्यादा देशों को निर्यात करती है।

कंपनी कागज के साथ-साथ अपनी जरूरत भर की बिजली भी बना लेती है। इसके लिए वह खोई से कामज बनाने की प्रक्रिया में निकलनेवाली भाप का इस्तेमाल करती है। अभी तक इसने तीन प्रेशर बॉयलर लगा रखे हैं। इनकी जगह वह ज्यादा क्षमता के नए बॉयलर लगा रही है। अभी तक वह 18 मेगावॉट बिजली बना रही है। नए बॉयलर लगने के बाद उसकी क्षमता 40 मेगावॉट हो जाएगी। यह काम दिसंबर 2011 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

ब्रोकिंग फर्म एसएमसी ग्लोबल की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार कंपनी अपने मौजूदा फैक्टरी के परिसर में ही पीसीसी (प्रेसिपिटेड कैल्शियम कार्बोनेट) बनाने का संयंत्र लगा रही है। इसे लगाने के लिए उसने स्विटजरलैंड की कंपनी ओम्या इंटरनेशनल एजी के साथ बीओओ (बिल्ट, ऑन एंड ऑपरेट) मॉडल के अंतर्गत दूरगामी समझौता कर रखा है। इस संयंत्र की क्षमता 60,000 टन सालाना है और इसे भी दिसंबर 2011 तक चालू कर देने का लक्ष्य है। चालू साल में ही कंपनी 385 करोड़ रुपए की लागत से तीन और नई परियोजनाएं लगा रही है। इसके तहत वह रद्दी कागज से पल्प बनाने का 300 टन प्रतिदिन क्षमता का डी-इंकिंग संयंत्र, अपने भाप व बिजली सिस्टम का सुधार और मिल की रद्दी से 600 टन प्रतिदिन क्षमता की सीमेंट संयंत्र लगा रही है।

आखिर में इस स्टॉक में निवेश के वित्तीय आधार। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) 24.76 रुपए है। इस आधार पर इस समय 131.70 रुपए के भाव पर चल रहा इसका शेयर मात्र 5.32 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि शेयर की बुक वैल्यू ही 127.87 रुपए है। कंपनी की कुल इक्विटी 69.21 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 35.32 फीसदी हिस्सा तमिलनाडु सरकार के पास है, जबकि एफआईआई के पास इसके दो फीसदी और डीआईआई (घरेलू निवेश संस्थाओं) के पास 39.30 फीसदी शेयर हैं। इसमें से 9.96 फीसदी शेयर एलआईसी और 3.05 फीसदी शेयर जीआईसी के पास है।

एक बात और। यह अपने शेयरधारकों को बराबर लाभांश या डिविडेंड देनेवाली कंपनी है। पिछले दो सालों में इसने दस रुपए के शेयर पर 4.50 रुपए यानी 45 फीसदी लाभांश दिया है।

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