पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर का 8.8 फीसदी रहना बाजार की उम्मीद के अनुरूप है। हमने तो सोचा था कि यह 8.5 फीसदी रहेगी, लेकिन भारत की विकासगाथा मद्धिम नहीं पड़ी है। शुक्रवार को ऑपरेटरों की तरफ से कुछ बिकवाली हुई थी। यह बात उनके इंटरव्यू में भी जाहिर हुई। लेकिन सोमवार को एफआईआई की खरीद बेरोकटोक जारी रही। बाजार के ऑपरेटर निफ्टी को गिराकर 5250 तक ले जाना चाहते हैं। इसलिए हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें बाजार को तोड़ने दो। हमें इस बीच अपनी स्थिति मजबूत करते रहना चाहिए।
हो सकता है कि यह 100 में से 99 लोगों के लिए असंभव हो क्योकि वे अपनी औकात से ज्यादा सौदे कर चुके हैं, ओवर-लीवरेज्ड हैं। ऐसे में आप खरीदने के बजाय अपनी पोजिशन कम करने में लगे हैं और कैश सेगमेंट के शेयरों को न्यूनतम स्तर पर भी बेच रहे हैं क्योंकि दूसरा कोई चारा ही नहीं है। ऑपरेटर यह बात जानते हैं। भविष्य आपकी जेब में बड़े-बड़े छेद करने जा रहा है।
आप भारत के भविष्य के बारे में इतने शंकालु हो गए हैं कि पूंजी डुबाने का अधिकतम जोखिम उठाकर 1.5 फीसदी ब्याज पर अपना धन उधार दे देंगे, लेकिन पूंजी बाजार में नहीं लगाएंगे। यदाकदा आप फ्यूचर्स में ट्रेड करना चाहते हैं और बड़े-बड़े सौदे करना चाहते हैं। लेकिन आपके पास मार्क टू मार्केट और मार्जिन तक देने का कोई बैक-अप प्लान नहीं होता। आपकी कमजोरी उजागर हो जाती है और बाकी का काम आपका भारतीय ब्रोकर व एजेंट कर देता है।
एनालिस्टों के टेक्निकल चार्ट शॉर्ट सौदों के मकसद और 5420 के स्टॉप लॉस के हिसाब से तैयार किए गए हैं। इसलिए आप पाएंगे कि 100 में 99 लोग बिकवाली के पक्ष में हैं। वे कुछ दिनों तक जीतेंगे भी। उसके बाद आप जानते ही हैं कि इतिहास क्या रहा है। यह अपने को फिर दोहराएगा। भारत का नंबर-1 ब्रोकिंग हाउस 2003 में आरआईएल के बारे में गलती कर बैठा था, जब उसने इसमें बिक्री की कॉल दे दी और स्टॉक दोगुना हो गया। 2006 में इसने फिर गलती की, आरआईएल में 925 रुपए पर खरीद की सलाह देकर। स्टॉक इंट्रा-डे कारोबार में 814 रुपए तक चला गया नई तलहटी बनाकर। हालांकि बाद में थोड़ा सुधर कर 900 रुपए के ऊपर बंद हुआ।
अब वह शायद इतिहास की तीसरी गलती करने जा रहा है आरआईएल में निवेश घटाने की सलाह देकर, क्योकि यह स्टॉक वापस तेजी पकड़ सकता है। चिंता की बात बस इतनी है कि रिटेल निवेशक अब भी आरआईएल में लांग और निफ्टी में शॉर्ट हैं और यह साफ नहीं है कि वे आरआईएल को निकालेंगे या नहीं। रिटेल निवेशक जिस दिन इससे निकलना शुरू करेंगे, यह स्टॉक 1500 की तरफ बढ़ना शुरू कर देगा।
अभी उन लोगों के लिए सुनहरा मौका है जिनके पास काफी कैश है और जिन्हें अपने पर भरोसा है। अपने पसंद के शेयर चुन लीजिए और फिर शांत मन से देखते जाइए। गुबार के छंटते ही आप उजाले में खड़े होंगे। कमजोर ट्रेडरों के लिए निफ्टी में 100 अंकों की गिरावट भी बड़ी तकलीफदेह होती है और उनको बेरहमी से स्टॉप लॉस झेलना पड़ता है। असल में उनके लिए तो आदर्श प्लेटफॉर्म टी-20 के मैच है। अरे भई, गलत जगह पर क्यों फंसे हुए हो!!
शोरशराबे के बीच सच्चाई दब जाती है। गर्द-गुबार के बीच तस्वीर धुंधला जाती है। होहल्ले और गुबार के थमने के बाद ही असली सच नजर आता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)