दिमाग भी क्या स्वामिभक्त और जिद्दी किस्म का जीव है! जिस ढर्रे पर चला दो, चलता ही रहता है। जिस काम में लगा दो, बिना पूरा किए मानता ही नहीं। आप सो जाते हो, लेकिन इस बेचैन आत्मा को चैन नहीं पड़ता।और भीऔर भी

जब तक जीवित हैं, शरीर कभी ऑफ नहीं लेता, दिल दिमाग कभी ऑफ नहीं लेता। लेकिन हम हमेशा ऑफ के चक्कर में पड़े रहते हैं। मन काम से भागता है। यह काम जीवन की सहज धारा क्यों नहीं बन सकता?और भीऔर भी