पानी अपने बहने का रास्ता खुद ढूंढ लेता है। लेकिन उसके संचय के लिए सायास टंकी या तालाब बनवाना पड़ता है। उसी तरह पैसा बहाने के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन उसके संचय व सही नियोजन के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। रातोंरात धन बनता नहीं, उड़ता है। इसलिए कभी भी खटाखट नोट बनाने के चक्कर में न पड़ें। धैर्य रखें। शेयर बाजार में बराबर ट्रेड हो रही करीब 3000 कंपनियों में से कमऔरऔर भी

मित्रों! मैं बड़े-चढ़े दावे नहीं करना चाहता। यह भी नहीं जानता कि यह एकालाप है या संवाद। लेकिन मेरी कोशिश यही है कि अपनी भाषा में वह सहज ज्ञान आपको उपलब्ध करवा दूं ताकि आप अपनी बचत को सही तरीके से निवेश करने का हुनर सीख लें, कोई आपको बड़े-बड़े झांसे देकर उल्लू न बना सके और आप जोखिम उठाएं तो आंखें मूंदकर नहीं, आंखें खोलकर। एक बहुत मोटा-सा सूत्र है कि जब तक आप किसी स्टॉकऔरऔर भी

निटको कंपनी या ब्रांड के नाम से शायद आप परिचित होंगे। 1953 में बनी कंपनी है और टाइल्स व मार्बल का धंधा करती है। टाइल्स वह मुंबई के बाहर अलीबाग में बनाती है और इटली, स्पेन, चेकोस्लवाकिया व चीन जैसे देशों से आयातित मार्बल की प्रोसेंगिग मुंबई के भीतर कांजुर मार्ग में करती है। कंपनी ने 2009-10 में कुल मिलाकर 8.71 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। लेकिन मार्च 2010 की तिमाही में वह 2.50 करोड़ रुपएऔरऔर भी