देश की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा पेट्रोल कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने और रसोई गैस व डीजल के दाम बढाने के फैसले से  सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां का घाटा या अंडर रिकवरी मौजूदा वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा। क्रिसिल का कहना है कि इस तरह के कदमों का तेल विपणन कंपनियों के वित्तीय जोखिम प्रोफाइल पर सकारात्मक असर होगा। इससेऔरऔर भी

पिछले हफ्ते से ही चर्चा थी कि सोमवार 7 जून को मंत्रियों का समूह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला कर लेगा। इसके हिसाब से गणनाएं भी की जा रही थीं कि इंडियन ऑयल से लेकर ओएनजीसी का मूल्यांकन कितना बढ़ जाएगा और उनके शेयर कितने बढ़ सकते हैं। लेकिन कोरम न पूरा होने से मंत्रियों के समूह की बैठक ही न हो सकी और सारे कयास कुछ समय के लिए धरे के धरे रहऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष के पहले दिन 1 अप्रैल को रात 12 बजे से ही दिल्ली और मुंबई समेत देश के 13 बड़े शहरों में पेट्रोल व डीजल 50 पैसे प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। इन शहरों में आज से यूरो-चार ग्रेड का पेट्रोल व डीजल सप्लाई किया जाएगा। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल 50 पैसे बढ़कर 47.93 रुपए प्रति लीटर और डीजल 26 पैसे बढ़कर 38.10 रुपए प्रति लीटर हो गया है।औरऔर भी