।।पॉल क्रुगमैन*।। हाल की आर्थिक दिक्कतों का एक सबक इतिहास की उपयोगिता के रूप में सामने आया है। इस बार का संकट जब उभर ही रहा था, तभी हार्वर्ड के दौ अर्थशास्त्रियों कारमेन राइनहार्ट और केनेथ रोगॉफ ने बड़े ही चुटीले शीर्षक – This time is different से एक जबरस्त किताब छपवाई। उनकी स्थापना थी कि संकटों के बीच काफी पारिवारिक समानता रही है। चाहे वो 1930 के दशक के हालात रहे हों, 1990 के दशक केऔरऔर भी

अनिल अंबानी ने मुकेश अंबानी के खिलाफ न्यूयॉक टाइम्स में 15 जून 2008 को बातचीत पर आधारित जिस लेख के आधार पर 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया था, उसे अखबार ने अपनी वेबसाइट पर अभी तक जस का तस रखा है। इस लेख के छठे पेज पर मुकेश के हवाले बताया गया है कि धीरूभाई के जमाने में समूह के लिए दिल्ली में लॉबिंग व जासूसी करनेवालों का पूरा नेटवर्क अनिल अंबानी देखते थे।औरऔर भी