फितरत घाटे से बचने और फंसने की
मुनाफा कमाना हो तो रिस्क उठाने के बजाय हम पक्के, मगर कम रिटर्न पर संतोष कर लेते हैं। लेकिन घाटे की अवश्यसंभावी सूरत में भी उसे बचाने के लिए रिस्क उठाने को तत्पर रहते हैं। शास्त्रों तक में कहा गया है कि सर्वनाशे समुत्पन्ने अर्धम् त्यजति पंडितः अर्थात संपूर्ण का नाश होते देख आधे को त्याग दें। लेकिन हम घाटे को बचाने के चक्कर में रिस्क उठाकर सर्वनाश कर बैठते हैं। सोचिए, समझिए। अब ट्रेड शुक्रवार का…औरऔर भी