ट्रेडिंग कोई टेक्नीक नहीं, संस्कार है। यह एक दिन का कोई चमत्कार नहीं। इसके लिए मन को रत्ती-रत्ती मांजकर तैयार करना होता है, संस्कारित करना पड़ता है। कारण, अभी हमारी जो मानसिकता है, जो भी बुनावट हमें अपने संस्कारों से मिली है, वहां अहंकार है। अपने को तुर्रमखां समझने का गुरूर है। हम गलत हो ही नहीं सकते, ऐसी सोच है। और, यह सोच बाज़ार में हमें डुबाने के लिए पर्याप्त है। जो भी लोग हांकते हैंऔरऔर भी